इस वक्त कोरोना महामारी का कहर पूरे देश मे फैला हुआ है । इस समय सभी स्कूल और कॉलेज बन्द भी है,जो कि बेहद आवश्यक है । आप कल्पना कीजिये कि क्या स्कूल एवं कॉलेज में शारीरिक दूरी का पालन हो सकता है ? आपका जवाब न होगा । क्योकि स्कूल कॉलेज में विद्यार्थी चाहकर भी दूरी कायम नही कर सकते एक क्लास में 50 से ज्यादा बच्चे होते है । उन्हें 1 मीटर के अंतर में बैठा पाना असंभव है । क्योकि क्लास का आकार भी छोटा ही होता है । अब सोचिये की नर्सरी में पढ़ने वाले छोटे बच्चे क्या शारिरिक दूरी का पालन कर पाएंगे ? जून जुलाई के आते ही उम्मीद है कोरोना वायरस नियंत्रण में आ जायेगा । लेकिन पूरी तरह खत्म नही होगा । यदि पूरी तरह खत्म नही हुआ और स्कूल कॉलेज चालू हो गए तो यह गलती जानलेवा गलती ही कही जाएगी । उज्जैन में एक बड़ी चूक सामने आई ।जिससे हमें सबक लेने की जरूरत है। गुरु सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान के 13 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं ।उज्जैन चिंतामन रोड पर महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान है। इसका संचालन मानव संसाधन विकास मंत्रालय करता है। केंद्र सरकार के इस उपक्रम में कोरोना से बचने के नियमों का पालन नही किया गया । लॉकडाउन के बीच यहां 50 वैदिक छात्र हॉस्टल में रह रहे थे । छात्रों ने कई बार घर जाने का आग्रह किया लेकिन उन्हें घर नही जाने दिया गया । प्रतिष्ठान के मुख्य परिसर में ही वैदिक छात्रों के लिए आदर्श वेद विद्यालय चलाया जाता है। इसमें 80 वैदिक छात्र अध्ययनरत हैं। परिसर के छात्रावास में यह सभी रहते हैं। लॉकडाउन के बीच भी इन्हें छात्रावास में ही जबरदस्ती ठहराया गया जबकि कई छात्र छुट्टी के लिए आग्रह कर चुके हैं। कुछ दिन पूर्व राजस्थान के
भीलवाड़ा का रहने वाला यह छात्र अपने घर रवाना हुआ था। वहां स्थानीय प्रशासन ने छात्र का टेस्ट किया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उज्जैन में स्थित होस्टल में बचे छात्रों को न तो क्वारेंटाइन किया और न ही उनका कोई उचित उपचार या टेस्ट करवाया। जिससे प्रतिष्ठान में रहने वाले 50 से अधिक छात्रों के बीच कोरोना का संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ गयी । कल आई रिपॉर्ट में जैसे ही 13 बच्चे संक्रमित पाए गए । बच्चों के पालकों में हड़कम्प मच गया । क्या केंद्र सरकार इस संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी । जिनके कारण छात्रों में कोरोना संक्रमण फैला । ऐसे अधिकारियों पर FIR दर्ज करके उन्हें तत्काल निलंबित कर देना चाहिए । इसी हॉस्टल से सबक लेकर सरकार देश भर में सभी स्कूल ,कॉलेज ,कोचिंग ,होस्टल पूरी तरह जब तक के लिए बन्द कर दें जब तक कि कोरोना वायरस से देश पूरी तरह मुक्त न हो जाये । बच्चों में शारीरिक दूरी वाले नियम का पालन नही हो सकता । इससे भी बड़ी समस्या नर्सरी से लेकर 5 वी क्लास तक के बच्चों के साथ है यदि उनमें से किसी एक को भी संक्रमण हुआ तो वो संक्रमण पूरी क्लास में फैलने में समय नही लगाएगा । सरकार इस समय सभी स्कूलों पूर्णत: निशुल्क कर दें एवं उन्हें ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के निर्देश दे । ताकि पालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े । इस वक्त सभी पालकों की आय के स्त्रोत बन्द है । पुरे देश मे एक आदेश जारी कर पालकों पर होने वाले अतिरिक्त बोझ को सरकार रोके । इस वर्ष की शिक्षा में 6 माह की शिक्षा पूर्णत: निशुल्क दी जाए । इस वर्ष पुराने छात्रों का कोर्स लेकर नए छात्रों को प्रदान किया जा सकता है जिससे पालकों पर कोर्स खरीदने का आर्थिक बोझ नही पड़ेगा । वही नर्सरी से लेकर 5वी क्लास तक के बच्चों को इस वर्ष बिना परीक्षा के ऑनलाइन शिक्षा दी जाए उन्हें स्कूल आने से वर्ष भर की छूट दी जाए एवं उनका सीधा प्रमोशन किया जाए ।
(उक्त लेख के किसी भी हिस्से को लेखक की सहमति के बिना कॉपी करना गैरकानूनी है ,कॉपी करने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी )
लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी