उज्जैन जिले में दर-दर को ठोकर खाने को मजबूर किसान , मैनेजर ने कहा किसान नेतागिरी करते है, तराना एवं घट्टिया विधानसभा में सैकड़ो किसानों को हो रही परेशानी

उज्जैन/तराना (कायथा ) - गेहूं की फसल कटने के बाद से लॉक डाउन है । किसान फसल बेचने की बारी का इंतजार कर रहा है कि कब उसके पास फसल तुलवाने का मैसेज आये और कब वो फसल को तुलवा कर अगली फसल की तैयारी करें । लेकिन किसान की परेशानी कम होने की जगह ओर अधिक बढ़ गयी है । उस पर से जले पर नमक छिड़कने वाली बात कहकर सोसायटी के मैनेजर किसान का खून और जला रहें है । सोसायटी के प्रबंधन करने वाला मोहन सिंग यहां किसानो को नेता गिरी करने वाला करार दे रहा है । यदि ये किसान नेतागिरी करते तो 5 दिन से यहां दिन-रात खड़े नही रहते । 05 से 20 दिन तक से अधिक गेहूं की ट्राली कायथा सोसायटी पर तुलने के लिए खड़ी है । लेकिन कोई सुनने वाला नही किसान रात,-दिन खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहें है । इन किसानों को मैसेज भेजकर बुलाया गया है । किसान देवकरण गुर्जर (बडाल) ने बताया कि हम किसान बहुत परेशान है । यहां कोई सुनने वाला नही है । वेयर हाउस वाला वेयर हाउस बन्द करके चला गया है । हम सभी 40 से ज्यादा किसान भूखे-प्यासे यहां खड़े है । नमी की बात कहकर हमारी ट्राली नही तोली जा रही है जबकि वही ट्राली अन्य सोसायटी में पास हो रही है । अभी तो जो ट्राली पास हो गयी है उन्हें भी खड़ा रखा गया है । कायथा में कोरोना महामारी के चलते हम यहां मजबूर होकर घर के बाहर है । इस सोसायटी में हमारे ग्राम खारपा के किसानो को हमेशा परेशान किया है । किसान ट्राली लेकर आता है तब उसकी नमी नही चेक की जाती है पहले उसे इंतजार कराया जाता है यह इंतजार कुछ घण्टों का न होकर कई दिनों का होता है ।

"नए व्यक्ति ने वेयर हाउस लिया है । उससे गेहूं की नमी के मानक को लेकर किसान रोज लफड़े करते है किसान नेतागिरी करते है इस लिए उसने वेयर हाउस बन्द कर दिया । कल किसी भी सूरत में गेहूं तूल जाएगा ।" - मोहन सिंग कायथा सोसायटी (फोन रिकार्डिग अंतर्गत दिए गए बयान के अंश ) 

(लेख में प्रयुक्त सभी तथ्य किसानो द्वारा बताए गए है । उनके द्वारा वीडियो एवं फोटो भेजे गए है जो मेरे पास उपलब्ध है ) 

लॉक डाउन में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की क़िस्त न मिलने से परेशान ग्राम उज्जैनिया के किसान ,सुनने वाला कोई नही :-

(घट्टिया विधानसभा ग्राम उज्जैनिया )

देश में घातक महामारी कोरोना वायरस के चलते 3 चरण का लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। ऐसे में लॉकडाउन का सबसे बड़ा खामियाजा देश के किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसानों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए चल रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना काफी कारगर साबित हो रही है।लॉक डाउन की अवधि में किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का न आना किसानों के लिए बड़े झटके की तरह है । दर-दर की ठोकर खाने के बाद भी स्थिति यथावत बनी हुई है । योजना के तहत लाभार्थियों के खाते में सीधे धनराशि भेजी जा रही है। लेकिन अभी भी बहुत से किसान ऐसे हैं जो योजना के पात्र तो हैं, लेकिन उन्हें यह धन राशि नही मिल रही है । जबकि उन्होंने अपना पंजीकरण भी करवा रखा है । अनेक किसान ऐसे है जिन्हें कुछ क़िस्त आ गयी है लेकिन उसके बाद क़िस्त नही आने से वे परेशान है । उज्जैन के घट्टिया में ग्राम उज्जैनिया के अनेकों किसान ऐसे है जिनको यह क़िस्त प्राप्त नही हुई है । किसान विक्रम परमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के बैंक मैनेजर से बात कर उन्हें समस्या से अवगत कराया उनका कहना है आगे से ही गड़बड़ी है हमारे हाथ मे कुछ नही । चुकी सभी किसान जिन्हें इस योजना की क़िस्त प्राप्त नही हुई है वो जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के ही खाता धारक है ।  किसान परेशान हो रहें है सुनने वाला कोई नही है । किसान के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेकने वाले सारे नेता गायब हो गए है । उज्जैन के जो नेता छोटी-छोटी बात में किसान हितेषी बनने का नाटक करते है लेकिन इस समस्या से अवगत कराने के बाद भी किसी का ध्यान इस ओर नही है । विक्रम परमार द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सभी नेताओं को अवगत करा दिया गया है देखना है  कि उनकी समस्या का हल कब तक हो पायेगा ? चुकी लॉक डाउन में ये किसान कही जाकर विरोध नही कर सकते है । इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है । 

क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना :- नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 फरवरी में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। सरकार की ओर से इस तर्क के साथ यह स्कीम लांच किया गया था कि कर्ज की माफी कराना स्थाई समाधान नहीं है इसलिए इस तरह के स्कीम से किसानों को राहत मिल सकेगी और वे कर्ज में डूबने से बच सकेंगे।प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की एक पहल है जिसमें 12 करोड़ छोटे और सीमान्त किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है, उन्हें न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6 हजार रूपए तक की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाती है । पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रत्येक वर्ष करोड़ो किसानों को 6 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। योजना के तहत कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को सीधे नगद का लाभ दिया जाता है। किसान जरूरत पड़ने पर बिना किसी कर्ज के साथ अपनी खेती-बाड़ी संभाल सके, इसी उद्देश्य के साथ इस योजना की शुरूआत की गई है। इसके तहत किसानों हर 4 महीने में 2000-2000 रुपये की 3 किस्तों को मिलाकर कुल 6 हजार रुपये सलाना दी जाती है।

वंचित किसानों की सूची एवं मोबाइल नम्बर मेरे पास उपलब्ध है कोई मदद करना चाहे तो मेरे मोबाइल नम्बर - 09977383800 पर फोन कर सूची प्राप्त कर सकते है । )


लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी