कोरोना वायरस का संक्रमण देश भर में लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में संक्रमित मरीजों की देखभाल एवं इलाज करना स्वयं अपने जान को जोखिम मे डालने जैसा है, इसके बाद भी कोरोना योद्धा पूरी तन्मयता से पीड़ित मानवता की सेवा मे लगे हुए हैं। तापमान 40 डिग्री के ऊपर तक जाने लगा है भरी दोपहरी मास्क और पूरी किट पहन कर पुलिस सड़को पर आपकी रक्षा के लिए खड़ी है । वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को न हो इसके लिए आपको घरों में रहने के लिए आग्रह कर रही है । डॉक्टर बन्द कमरों में पुरे प्लास्टिक बैग में पैक होकर ड्यूटी कर रहें है । अंदर पहनी शर्ट पसीना-पसीना हो जाती है । सभी मेडिकल स्टॉफ खुद की परवाह किए बिना ही कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने में पीछे नहीं हट रही हैं। इनकी कर्तव्यनिष्ठा सराहनीय है।कोरोना महामारी में जहां मंदिरों-मस्जिदों में जाना बंद हो गया, लेकिन अस्पताल के भगवान का दरवाजा आज भी खुला हुआ है। इस विपदा के समय में लोगों के जख्मों एवं लोगों के कष्टों को नारायण की तरह दूर कर रहे हैं। मरते हुए लोगों की जान बचाने की क्षमता रखने के कारण डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। बीमार और घायल इसी उम्मीद में अस्पताल जाते हैं कि वहां बैठे डॉक्टर रूपी भगवान उसकी जान बचा लेंगे। उज्जैन शहर में अनेक डॉक्टर इस वक्त ऑनलाइन अपनी सेवाएं दे रहें है । तो कुछ ने हिम्मत दिखाते हुए अपने क्लिनिक खोले हुए है । उनमें से एक है डॉ हितेश दिल्लीवाल फ्रीगंज में बांसवाड़ा पेट्रोल पंप के पास में दंत क्लिनिक का संचालन करते है । समाजसेवा में भी आगे रहते है । उन्होंने एक मिसाल पेश की है कि इस वक्त किसी आमजन को दर्द न हो इसलिए वह अपना क्लिनिक खोलते है, पुरे समय अपनी सेवाएं भी देते है एवं अन्य डॉक्टर दोस्तो को सेवा के लिए प्रेरित भी कर रहें है । डॉ हितेश दिल्लीवाल आज शहर के युवाओं के बीच बेहद सम्मानीय नाम है । यह नागरिकों में जागरूकता फैलाने के लिए सतत प्रयासरत रहते है । आपके इन्ही गुणों के कारण आपको हाल ही में प्रदेश के दंत चिकित्सकों के सबसे प्रमुख संगठन का पदाधिकारी भी नियुक्त किया गया है ।
डॉ.अकील खान :- बुरे वक्त में अपनों की मदद का जज्बा लिए दूसरे डॉक्टर है वैकल्पिक चिकित्साकों का उज्जैन में नेतृत्व करने वाले डॉ अकील खान । उज्जैन के पंवासा क्षेत्र का यह रहनुमा वहां गरीबो का बहुत कम खर्च पर इलाज हमेशा करते है । अनेकों बार मेने गरीबों के इलाज के लिए डॉक्टर अकील खान एवं डॉ हितेश दिल्लीवाल से जब भी आग्रह की न सिर्फ इन दोनों ने फ्री में इलाज किया बल्कि गरीबों को फ्री में दवाइयां भी उपलब्ध कराई । आज प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डॉ अकील खान के नेतृत्व में जिले भर में वैकल्पिक चिकित्सक कार्य कर रहें है । समाज मे जो सम्मान हमने डॉक्टरों को दिया है लेकिन वैकल्पिक चिकित्सकों को सम्मान उतना नही मिल पाया जितने के वे हकदार है । जबकि यह भी शासन से मान्यता प्राप्त करके ही सबकी मदद करते है । ये डॉक्टर गरीबों के लिए बहुत बड़ी उम्मीद होते है । आज कोरोना महामारी में यह जनसेवा कर रहें है बिना किसी प्रचार-प्रसार के यह चिकित्सक अपना काम कर रहें है। 
लेखक मिलिन्द्र त्रिपाठी