मुझे अपने आप पर शर्म है...?
मुझे शर्म आ रही है अपने आप पर , जी हां आप समझे में क्या कहना चाहता हूँ ! कितनी शर्म की बात है हम उज्जैन वासियों के लिए कि हमारे यहां के एक विधायक सालों साल मंत्री पद पर रहते हुए भी जनता द्वारा  दिया गया प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर के 100 करोड़ से भी अधिक रुपए से खर्च करके चरक भवन का निर्माण करवाया लेकिन निर्माण करने के पश्चात भी 4 करोड़ रुपए का अनुदान आपने ऑडी गार्डी मेडिकल कॉलेज को दिलवाया क्यों भाई क्या आप उस संस्था के ट्रस्टी है...? चलिए मान लिया हमने आपका स्वार्थ था ! मगर इस  महामारी के आ जाने के बाद अब  हम उज्जैन वासियों को इंदौर के भरोसे रहना पड़े तो यह हमारे लिए बहुत ही शर्म का विषय है! किस काम का हमारा चरक भवन ओर आपके वादे...? 

 

 सोचने का विषय उन सबके लिए भी है जो पिछले 2 दिनों से फेसबुक पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं कि हमारे फला नेता ने फलाने नेताओं को कहा पत्र लिखा और उनके कहने पर उज्जैन के लिए 100 बैड अरविंदो अस्पताल इंदौर में आरक्षित कर दिए गए हैं ! 

 

क्या यह हमारे लिए या उज्जैन वासियों के लिए गर्व का विषय था जरा सोचिएगा

...? होना तो यह चाहिए था कि जितनी शक्ति अरविंदो अस्पताल में बैड आरक्षित करवाने में लगाई उतनी ही शक्ति यदि चरक भवन में व्यवस्था को सुधार करने में लगा देते तो और कोरोना वायरस के मरीजों के लिए वहां की एक या दो मंजिलों को आरक्षित करके अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई होती तो यह शायद हमारे उज्जैन के लिए गर्व का विषय होता और हम उज्जैन को इस भयावह स्थिति की ओर जाने से रोक सकते थे ! हम तो सिर्फ राजनीति में लगे रहे , हमे आज भी रोजाना कोरोना रिपोर्ट की नही बस इस बात का इंतजार है कि कब मंत्रिमंडल गठन हो और हमारा नाम आ जाये ! आप सोच रहे होंगे में इनका विरोधी हूँ तो ऐसा बोल रहा हूँ ये सही नही है कुछ गलतियां हमसे भी हुई कि जब आदरणीय मोदी जी ने लॉक डाउन की घोषणा की जब हमे पहले दौर में जरूरत थी संक्रमक लोगो को ढूंढने की ओर उनके समुचित इलाज की ,साथ पूर्ण रूप से लॉक डाउन की,लेकिन हम तुरन्त लग गए दिखावे में हमने हजारों लोगों को राशन-पानी बाटने में, हमने अपना समय जाया किया , प्रशासन ने भी यही किया, लगा कि उज्जैन के लोग भूखे है , भूख से मर जाएंगे हमने पहला जरूरी लॉक डाउन का पीरियड गवा दिया और उस समय का संक्रमण पूरे उज्जैन में फैलने में मदद की हम भी गुनाहगार है ! चलिए हम और आप जनता है , मगर आप तो हमारे प्रतिनिधि है , आप तो हमारे शासन-प्रशासन है , आप तो सक्षम है सब समझते है फिर क्यों नही आपने सख्ती के साथ डंडा घुमाया , अब जब आम जनता लॉक डाउन से उकता चुकी है अब आप पहले पायदान की कार्यवाही पर आए, धन्य है आपकी सोच पर दुरदर्शिता पर...?

 

याद रहे किसी भी राष्ट्र को समृद्ध बनाने के लिए सर्वप्रथम शिक्षा व्यवस्था एवं स्वास्थ्य व्यवस्था का मजबूत होना बहुत ही आवश्यक होता है परंतु बड़े ही शर्म का विषय है कि ना तो हमारे जिले में शिक्षा व्यवस्था पर्याप्त है और ना ही स्वास्थ्य व्यवस्था पर्याप्त है जिससे कि हमारे नौजवान आने वाले भविष्य में इस राष्ट्र के लिए कुछ कर सके !

 

आप आज भी जनता के मन मे डॉक्टरों के प्रति विश्वास जमा नही कर पाए है...? 

जनता आज उज्जैन के डॉक्टरों को संशय की नजर से देख रही है ! हमने आपके सभी नियमो का पालन किया , आगे भी करते रहेंगे बस एक सवाल आप सबसे...? 

 

क्या लॉक डाउन से कोरोना चला जायेगा क्या...?

 

याद रहे राष्ट्रहित में सत्ता के विरुद्ध आवाज उठाना सही मायने में राष्ट्रधर्म है और यही राष्ट्रनीति भी है

 

वंदे मातरम्...

भारत माता की जय...

जय हिंद... 

जय भारत... 

जय श्री महाकाल---

जय भीम... 

 


लेखक

धर्मेश जोहरे (डी. के.)

उज्जैन (मध्य प्रदेश)

नॉट :-यह लेखक के अपने विचार है।