फरवरी' 1994 में जन्में मात्र 27 साल की उम्र और जज्बा देशभक्ति और मानव सेवा का। वर्तमान में महू तहसील में ग्रामीण के बड़े क्षेत्र राष्ट्रीय राजमार्ग-3 पर स्थित मानपुर पुलिस स्टेशन का प्रभार सम्हाल रहे हैं श्री मिश्रा 17 अप्रैल को जब उनकी कोरोना की सैम्पल रिपोर्ट पॉजिटिव आयी तो वे खुद हतप्रद थे और उनके मन मस्तिष्क में कोरोना से ग्रसित होने के बाद के सभी बुरे ख्याल घूमने लगे यहीं से उन्होंने इस वैश्विक महामारी से लड़ने एवं जीवन को सभी के समक्ष जीने के लिए एक उदाहरण की तरह प्रस्तुत करने का "संकल्प" लिया। उन्हें इंदौर चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया तथा यहीं 15 दिवस के इलाज के दौरान उन्होंने अपने आपको इस महामारी से लड़ने के लिए इतना मजबूत बनाया की यह इस बीमारी से पीड़ितों के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरे चिकित्सको से इलाज के लिए प्राप्त सभी निर्देशों को समय पर पूरा करते अपने अंदर इस महामारी से लड़ने की खुद ही ताकत बनते रहे। 2 मई को सफल ईलाज के बाद अस्पताल से स्वस्थ होकर लौटते ही सबसे पहले अपना कार्यभार ग्रहण किया और फिर मानवता की सेवा में अपने आपको झोंक दिया महाराष्ट्र, गुजरात तरफ से पैदल एवं वाहनों से आ रहे मजदूरों के लिए क्षेत्र के लोगों के सहयोग से प्रतिदिन भोजन एवं जल की व्यवस्था, उनके छोटे बच्चों के लिए दूध-बिस्किट की व्यवस्था कर हजारों मजदूरों की मदद की साथ ही वाहनो से जाने वाले मजदूरों के वाहनों के टूट-फूट रखरखाव के लिए क्षेत्र के गैराज खुलवा दिए। श्री मिश्रा ने अपने स्टाफ के लिए एक पालक का फर्ज निभाते हुए स्टाफ के सभी सदस्यों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए प्रतिदिन उनके लिए हल्दी अदरक के दूध की व्यवस्था कर उसे लेना अनिवार्य किया साथ ही थाना क्षेत्र के रहवासियों के लिए दूध एवं राशन की निर्बाध व्यवस्था की मॉनिटरिंग भी खुद की। वैश्विक महामारी कोरोना से आमजन के जीवन की रक्षा के लिए लड़ने वाले एवं पीड़ित मानवता के बचाव के लिए मप्र में पहले पुलिस सेनानी श्री आदित्य मिश्रा के लिए कृतज्ञ जन का दिल से सैल्यूट..!!!
महामारी से जीती जंग मानवता की रक्षा के लिए मप्र के प्लाज्मा डोनेटर पहले पुलिस अधिकारी, मात्र 27 वर्ष के हैं आदित्य मिश्रा(आईपीएस)