(टोटल = 184
184 में से निधन 40
बचे 144
144 में से 40 बडनगर के
बचे 104
नागदा और महिदपुर के लगभग 10
104 - 10 = 94
94 में से 23 ठीक होकर डिस्चार्ज
94 - 23 = 73 एक्टिव पेशेन्ट है
जिनमे से एक दो दिन में लगभग 10-15 और छुट्टी के कगार पर है जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है।
इस प्रकार लगभग 50-55 पेशेंट है, जिनको थोड़ी से मेहनत से रिकवरी की जा सकती है।
कंटेन्मेंट एरिया में सख्त लॉक डाउन की जरूरत है लगभग इन 14 दिन में कई कोई नई चेन ना बने।
उज्जैन कोरोना मुक्त हो सकता है, सही योजना एयर जनता के सहयोग से ) उक्त वायरल मेसेज में पूरा गणित समझाया गया था जो दो दिन में ही 20 नए मरीज जुड़ने गड़बड़ा गया। बड़नगर में भी बड़े हुए आंकड़े डरावने है । शासन को उस ओर ध्यान देने की जरूरत है ।
उज्जैन में कोरोना की शुरुआत से अब तक का सबसे बड़ा केंद्र है बेगमबाग ,तोपखाना गहराई से जाने पर ज्ञात होता है कि बेगमबाग में एन.आर.सी.(NRC) एवं सी.ए.ए. (CAA) के खिलाफ़ हुए धरने में अनेकों अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल हुए थे । यह धरना बहुत दिनों तक निरंतर चलता रहा था । धरने को कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में भी चलने दिया गया था...? चुकी उस वक्त जिस दल की सरकार थी उसे अपनी राजनैतिक रोटियां सेकनी थी...? लेकिन उससे सैकड़ो लोग कोरोना से संक्रमित हो गए उनकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नही...? मासूम महिला बच्चों को बरगलाकर धरने में बैठाने वाले अब सब गायब हो गए...? इन परिवारों की मदद करने कोई अल्पसंख्यक नेता रहनुमा अब आगे नही आ रहा है...? न उन्हें देखने कोई आरडी गार्डी जा रहा...? आरडी गार्डी में हो रही मौतों पर भी अल्पसंख्यक रहनुमा खामोश होकर गरीब मुस्लिमों की जान जाने का इंतजार कर रहें है...?
अमीर व्यापारी ओर नेता तो अरविंदो जाकर अपना इलाज करवा लेंगे लेकिन गरीब लोग कहाँ जायेगे...? उन्हें तो आरडी गार्डी के मौत के कुएं में धकेल दिया जाएगा...?
कोरोना की चपेट में अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्तियों की संख्या अधिक है । आयोजकों के पास से पूरा रिकार्ड जब्त करके उन सभी धरने में शामिल व्यक्तियों की जांच होना चाहिए । ताकि उन्हें कोरोना संक्रमण से समय रहते बचाया जा सकें । अल्पसंख्यक वर्ग को आगे आकर स्वयं लक्षण दिखने पर सेंपल देने के लिए जागरूक करना होगा । अभी शहर में डर का माहौल है जिन क्षेत्र में कोरोना संक्रमित लोग निकल रहें है वहां के अन्य कुछ निवासी उन इलाकों को छोड़कर आस-पास के गांवों में अपने रिश्तेदारों के यहां जा कर रह रहे है । जिससे यह संक्रमण गांवों में फैलने का अंदेशा भी है ।
"सेतु संकल्प विशेष"
माह मार्च से ही उज्जैन की सामाजिक संस्था स्वर्णिम भारत मंच ने एक मांग उठाई थी जिसे पूरा अब तक नही किया गया है । यही मांग उज्जैन के अनेक लोग सोशल मीडिया पर लिखकर उठा चुके है । लेकिन इस दिशा में कार्य नही किया गया है ।शुक्रवार को आये कोरोना संक्रमित 19 सदस्य में से बेगमबाग तोपखाना के सदस्यों की संख्या अधिक है । यदि शहर को कोरोना से बचाना है तो कोरोना की जड़ को पकड़ना होगा । हाल ही में बेमिसाल फेक्ट्री में कार्य करने वाले पश्चिम बंगाल के 250 से अधिक मजदूर निकले जिन्हें छुपा कर रखा गया था । इनकी जांच हाथों-हाथ की गई थी लेकिन सेंपल लेकर इनकी जांच भी नही की गई । इससे इन मजदूरों में भी कोरोना संक्रमण के संभावना है क्योंकि फेक्ट्री मालिक की कोरोना के चलते दुख:द मौत हो गयी थी उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि यदि देना है तो इन गरीब मजदूरों का कोरोना चैकअप सेंपल लेकर किया जाना अति आवश्यक है । आरडी गार्डी की अव्यवस्थाओं को लेकर आवाज बुलंद करने वाले भाजपा पार्षद मुजफ्फर हुसैन की असामयिक मौत का जिम्मेदार आरडी गार्डी है लेकिन अपने ही पार्षद को खोने के बाद भी आरडी गार्डी के कर्ता-धर्ता डॉ महाडिक पर कोई कार्यवाही न होना सवालों के घेरे में है । कलेक्टर ओर एसपी के तबादले भर से कुछ होना जाना नही है जब तक डॉ महाडिक पर कार्यवाही नही होगी आरडी गार्डी में सुधार संभव नही । आरडी गार्डी में दलों के आने से कोई फर्क नही पड़ता वहां के एक डॉक्टर ने बताया कि जैसे मुन्ना भाई एमबीबीएस फ़िल्म में बाउजी को देखकर मुन्ना भाई अस्पताल व्यवस्थित खड़ा कर देता था उसी तरह महाडिक भी जांच दलों को देखकर सब कुछ अपडेट कर देता है । अनेकों जांच दल को गुमराह करने में उसका कोई सानी नही...? हाल ही में पीपीई किट के निम्न स्तर का होने के वीडियो वायरल हो रहें है आरडी गार्डी में निम्न दर्जे की पीपीई किट दी जा रही है जिससे स्टॉफ के संक्रमण की संभावना बढ़ गयी है । स्टॉफ को ऐसा लग रहा है जैसे गर्म आग उगलती भट्टी के पास कोई ने उन्हें थैली में पैक करके खड़ा करा गया है । जिससे स्टॉफ में आक्रोश बढ़ रहा है स्टॉफ का कहना है कि नेता यदि एक घण्टे हमारी किट पहनकर खड़े भर हो जाये तो उनकी अक्ल ठिकाने लग जाये हमे तो यह किट पहनकर काम भी करना होता है ।
"सेतु संकल्प विशेष"
14 मार्च को उज्जैन के पत्रकार राहुल कटारिया ने एक पोस्ट फेसबुक पर डाली थी - "बेगमबाग का सीएए विरोध (धरना) क्या कोरोना वायरस फ्री है.. यही नागदा एवं महिदपुर में भी जारी है।प्रशासन संज्ञान ले।"
तब इस पर सज्ञान नही लिया गया । शायद अब ले लिया जाए ।
16 मार्च को समाजसेवी संजय रघुवंशी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि - "कोरोना के चलते महाकाल मंदिर में भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लेकिन बेगमबाग का धरना जारी रहेगा जिला प्रशासन उज्जैन"
★इसी धरने पर ड्यूटी के दौरान कोरोना योद्धा टीआई यशवंत पाल संक्रमित हुए थे । जिनका बाद में दु:खद निधन हो गया ।
"सेतु संकल्प विशेष "
26 मार्च को अशोक देवड़ा ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि - "उज्जैन- कोरोना से मृत महिला बेगमबाग धरने पर गयी थी,पुत्र ने स्वीकारा,पूरा क्षेत्र सील"।
पीयूष कुशवाह ने एक पेपर की कटिंग फेसबुक पर पोस्ट की है जिसकी हेडिंग है कि बेगमबाग में लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले युवा से 9 पुलिस कर्मी कोरोना संक्रमित
(उक्त लेख के किसी भी हिस्से को लेखक की सहमति के बिना कॉपी करना गैरकानूनी है ,कॉपी करने पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी )
( उक्त लेख में वर्णित प्रत्येक जानकारी सोशल मीडिया पर नागरिकों द्वारा डाली गई पोस्ट पर आधारित है । जिनके स्क्रीन शॉट भी सलग्न किये गए है । लेख में जनता की मांग को वर्णित किया गया है । )
सेतु संकल्प विशेष"
लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी