मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की छवि हो रही धूमिल,डॉ महाडिक पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही न करने पर।
★डॉ महाडिक को आरडी गार्डी ट्रस्ट से बाहर कर रासुका लगाई जाए
★डॉ महाडिक का लाइसेंस निरस्त किया जाए
उज्जैन का दबंग प्रशासन पर पता नही किसकी नजर लग गयी । एक फोन पर कार्यवाही करने वाला प्रशासन पता नही डॉ महाडिक पर क्यो इतना मेहरबान है । जानलेवा कृत्यों पर भी उस पर कोई कार्यवाही नही हो रही है । पूर्व में जिला अस्पताल का एक ड्राइवर सरफराज लगभग 20 रिश्तेदारों को अस्पताल की एंबुलेंस में छुपा कर उज्जैन ले आया था । उस पर प्रशासन ने चंद घण्टों में ऐसी कार्यवाही की जिस पर उज्जैन की जनता ने प्रशासन को खूब शाबाशी दी । लेकिन कुछ दिन बाद डॉ महाडिक इंदौर से चोरी छुपे अपने कोरोना संक्रमित 85 वर्षीय भाई को आरडी गार्डी की एंबुलेंस से उज्जैन लाया एवं चोरी छुपे उसका इलाज करवाया जिससे इलाज में शामिल अनेकों मेडिकल स्टॉफ वालो की जान पर बन आई डॉ महाडिक पर कार्यवाही नही हुई तो उसके हौसले ओर बढ़ गए उसके बाद उसके भतीजे को चैरिटेबल हॉस्पिटल में ले जाकर एक्सरे करवाया जिसके कारण वहां नर्से कोरोना संक्रमित हुई । अपने परिवार के लोगो के इलाज के नाम पर अनेकों के जीवन को दांव पर लगाने वाला डॉ महाडिक आजाद है ? प्रशासन को रोज उज्जैन की जनता सोशल मीडिया पर इस डॉ पर रासुका लगाने की मांग कर रही है लेकिन प्रशासन ने एक नोटिस जारी करके इति श्री कर ली जबकि इस जैसे अनेकों नोटिस पर डॉ महाडिक पोहे रखकर खा जाता है । हमारा प्रशासन बहुत दबंग है जैसे ही बड़नगर के डॉ की लापरवाही सामने आई तत्काल उस पर एक्शन लिया गया । यह एक्शन होना भी चाहिए । कोरोना महामारी के दौर में 20 अप्रैल को राजकुमार वेद का निधन गुप्ता हॉस्पिटल में हो जाने के बाद एसडीएम एकता जायसवाल ने डॉ गुप्ता को सेल्फ आइसोलेशन में रहने के सख्त निर्देश दिए थे इसका अर्थ था कि उन्हें किसी से नही मिलना था । इसके बावजूद वो मरीजों का परीक्षण कर रहें थे । जिसके कारण यह महामारी बड़नगर में फैल गयी । थाना प्रभारी दिनेश प्रजापति ने बताया कि डॉ गुप्ता की इस जानलेवा गलती से संक्रामक रोग फैला । इसके चलते डॉ दिलीप गुप्ता ,डॉ अंशुल गुप्ता के खिलाफ धारा 188 ,269,270,271 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है ।लेकिन फिर प्रश्न उठता है कि एक जैसे 3 मामले तीन में से 2 में कठोर सजा लेकिन फिर डॉ महाडिक को कौन बचा रहा है ? डॉ महाडिक को बचाने में कुछ पुराने भाजपा नेताओ के नाम आ रहें है । उनके आर्थिक हित डॉ महाडिक से बंधे हुए है लेकिन वो अपने स्वार्थ के चक्कर मे मुख्यमंत्री की छवि भी बिगाड़ रहें है और पार्टी की छवि को भी धक्का पहुंचा रहें है । ऐसे स्वार्थी नेताओ की बात न मानते हुए भाजपा सरकार को डॉ महाडिक पर कार्यवाही करना चाहिए भाजपा के अनेकों कार्यकर्ताओं ने ही डॉ महाडिक के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल रखा है । बड़े-बड़े मामलों को रफा-दफा करने में महारती डॉ महाडिक क्या इस बार भी छोटी कार्यवाही से बच जाएगा ? क्या डॉ महाडिक फिर अपने बड़े संपर्क का फायदा उठा लेगा ? शहर के सारे जनप्रतिनिधि जब इसके खिलाफ है तो रासुका से इसे बचा कौन रहा है ? शहर के जनप्रतिनिधियों की भी क्या प्रशासन नही सुनेगा ? राजनीति प्रबन्धन का एक सिद्धान्त है जब किसी का बहुत विरोध हो तो उस पर छोटी कार्यवाही कर दो सारे विरोधी खुश हो जायेगे ओर इस कार्यवाही के श्रेय लेने में लग जायेंगे । मुख्य मुद्दे से सबका ध्यान हट जाएगा । इस मामले में भी क्या इसी सिद्धान्त का प्रयोग किया जा रहा है ? शहर के जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहां है कि आरडी गार्डी की व्यवस्था खराब है । लेकिन एक या दो जनप्रतिनिधियों को छोड़ दिया जाए तो किसी ने डॉ महाडिक पर रासुका लगाने की मांग नही की ।जबकि जनता यह मांग सोशल मीडिया के माध्यम से रोज कर रही है । ये कैसे जनप्रतिनिधि है जो जनता की आवाज को ही नही उठा रहे है ?
या इनकी कोई सुन नही रहा । छोटे-छोटे काम का श्रेय लेने वालों उज्जैन में कोरोना से मृत्य दर इंदौर ओर भोपाल से आगे चली गयी है उसकी जिम्मेदारी भी तो ले लो । बड़नगर नागदा जैसी तहसील कोरोना की चपेट में आ गयी है । बड़नगर में तो कोई सक्षम प्रशासनिक अधिकारी आय.ए. एस.(IAS)रेंक का कोई अधिकारी तक नही है ? जनता सोशल मीडिया पर मांग कर रही है कि बड़नगर को बचा लो लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नही हां ऊपर से सरकार जब घोषणा कर दे तो श्रेय लेने के लिए कूद पड़ना ? फिर कुत्ते बिल्ली जैसे लड़ना ? मेने किया-मेने किया अरे करने वाला पहले मांग उठाता है । तुम्हारी मांग कही दिखती नही होने के बाद बिल से निकल कर चिल्लाते हो फलाने से बात की थी उस कारण हो गया । शानदार पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया पर डालते हो शर्म नही आती झूठी वाहवाही लूटते समय ? डॉ महाडिक को आरडी गार्डी ट्रस्ट से बाहर किया जाए और उसका लाइसेंस भी निरस्त किया जाए । देखते है सरकार कोई कार्यवाही करेगी या समय के साथ जनता सब भूल जाएगी ?
(उक्त लेख में प्रयुक्त सभी जानकारी जनप्रतिनिधियों ,आम जनता की सोशल मीडिया आईडी से ली गयी है । उक्त लेख में जानकारी आमजन द्वारा सोशल मीडिया पर किये गए कमेंट ,समूह चर्चा ,डाली गई पोस्ट ,समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर है । )
(हमारे सुधि पाठक अशोक शर्मा नई खेड़ी की राय को लेख में सम्मलित किया गया है उन्होंने मुझे वाट्स एप पर अपनी राय से अवगत कराया था । आप भी अपनी राय मुझ तक-09977383800 नम्बर पर भेज सकते है । उचित सुझाव को लेख में शामिल किया जाएगा )
लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी