भारतीयों ने बिगाड़ी टिक टॉक की रेटिंग इस एप को एक साथ अपने मोबाइल से अनइंस्टॉल कर चीन के बहिष्कार की शुरुआत करें

पूरी दुनिया को कोरोना महामारी देने वाला देश चीन जिसके कारण पूरी दुनिया मे 48 लाख लोग संक्रमित हुए है और 3 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके है । चीन का पूरी दुनिया बहिष्कार करने का मन बना चुकी है । आप भी जो घर पर बैठने को मजबूर है वो चीन के कारण ही है । आपको जो नौकरी व्यवसाय में हानी हो रही है उसका यदि कोई कारण है तो वो है कोरोना । जिसे पूरी दुनिया मे चीन ने जानबूझकर फैलाया है । बदले में हम उस देश को दे रहें है करोड़ो अरबो रुपये का मुनाफा । कैसे टिक टॉक के माध्यम से जी हाँ। अकेला टिक टॉक चीन को बहुत मुनाफा दे रहा  है । चीन की वस्तुओं का बहिष्कार तो हमे मिलकर करना ही है इसकी शुरुआत करते है टिक टॉक को अनइंस्टॉल करके । भारत के ट्विटर यूजर्स ने टिक टॉक (TikTok) के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। गूगल प्‍ले स्‍टोर पर ऐप की रेटिंग सोमवार को 3.7 थी जो मंगलवार सुबह तक घटकर 2 पर आ गई। 

ट्विटर पर बैन टिक टॉक इंडिया ट्रेड कर रहा है लाखों ट्वीट आ चुके है । जो इसे बैन करने की मांग कर रहें है । टिक टॉक, छोटे-छोटे वीडियोज शेयर करने की सुविधा देने वाली बेहद मशहूर ऐप है। अप्रैल एंड तक पूरी दुनिया में इसके 2 बिलियन से ज्‍यादा यूजर्स थे। कई देश चीन की कंपनी ByteDance के इस ऐप को प्राइवेसी के लिए खतरा समझते हैं।

लोगों से ऐप को अनइंस्‍टॉल करने और बैन की डिमांड करने की अपील की जा रही है। दुनिया भर के व्यापार अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वैश्विक अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का बड़ा नुकसान हो चुका है । दुनिया भर के शेयर बाजार बिखर गए हैं। हर सेक्टर पर कोविड-19 महामारी के कारण भारी चोट पड़ी है। भारत भी इस आर्थिक संकट से अछूता नहीं है। सभी बड़े औद्योगिक उत्पादन रुक गए हैं और देश में लगभग 2 करोड़ नौकरियों का नुकसान का अनुमान है। इतने नुकसान करने वाले देश चीन का बहिष्कार करके उसका नुकसान करके हम उसे सबक सिखा सकते है । दिल्ली की डिजिटल लैब वॉइजर इंफोसेक ने इस सप्ताह जारी की गई 30,000 वीडियो की जांच की है। इसमें एक समुदाय को टारगेट कर भ्रम फैलाने वाली सूचनाएं देने का अभियान नजर आ रहा है। वीडियो में कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने से दूर रखने की बात कही जा रही है। 

टिक टॉक के जरिए कोरोना पर अल्पसंख्यक आबादी को उकसाने के लिए एक निजी साइबर संस्था ने रिसर्च कर 30,000 वीडियो की जांच कर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है।

जांच में पता चला है कि ज्यादातर वीडियो पाकिस्तान समेत मिडिल ईस्ट एशिया में बनाए गए हैं। इन वीडियो को भारत भेजकर यहां की स्थानीय भाषाओं में तब्दील कर दिया गया है। इसका खुलासा होने के बाद केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है।

टिक टॉक देश की सुरक्षा पर जोखिम है, हमारा महत्वपूर्ण डाटा चीन जा रहा है जिससे साइबर अपराध का खतरा बढ़ गया है। आइये इसे अपने स्वयं के ,परिवार के सदस्यों के ,दोस्तो रिश्तेदारों के मोबाइल से अनइंस्टॉल करके इस अभियान में सहभागी बने । 

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लेखक मिलिन्द्र त्रिपाठी