आरडी गार्डी से सन्तुष्ट नही उज्जैन के नेता लेकिन डॉ महाडिक पर मौन आखिर राज क्या है ?

उज्जैन में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 200 के आंकड़े को पार कर गया है । आरडी गार्डी से अव्यवस्थाओं को लेकर वीडियो आने का दौर अब भी जारी है । इन सबके बीच डॉ महाडिक ने फिर यह अहसास करा दिया कि कोई भी उसका कुछ नही बिगाड़ सकता...? एक और उज्जैन के चुने हुए नेता बोल रहे है हम आरडी गार्डी से संतुष्ट नही है । लेकिन यह नेता डॉ महाडिक का नाम लेने तक से घबरा रहें है...? कार्यवाही तो दूर की बात...? पूर्व कलेक्टर एक नोटिस दे गए थे डॉ महाडिक को अब कलेक्टर तो रहें नही लेकिन उस नोटिस का क्या हुआ...? कोई बताने को तैयार नही । कारण बताओ नोटिस को क्या महाडिक ने मुहं पोछ कर फेंक दिया...? डॉ महाडिक चोरी-छुपे अपने संदिग्ध कोरोना संक्रमित भाई को उज्जैन लाया था और उसका भतीजा  जो कोरोना पॉजिटिव था उसका एक्सरा चेरिटेबल हॉस्पिटल में करवाया  जिससे भतीजे व भाई से अनेक लोगो को कोरोना हुआ । हाल ही में इसके भाई-भतीजे से इसके परिवार के 2 ओर लोग कोरोना पॉजिटिव आ गए है।चैरिटेबल की नर्स तक इसके भाई-भतीजे से पॉजिटिव हुई थी । अब 2 और लोग इसकी गलती से पॉजिटिव आ गए है, क्या पूर्व कलेक्टर की गलती दोहरा कर नए कलेक्ट भी डॉ महाडिक पर कोई कार्यवाही नही करेंगे...? रासुका न लगाया जाए तो कम से कम धारा 188 ,269 ,270 ,271 में ही कार्यवाही कर दो । क्या अकेला महाडिक इतना ताकतवर है कि उज्जैन के नेता उसके आगे कमजोर पड़ गए...? क्या अकेला महाडिक सब पर भारी है...? डॉ महाडिक पर कार्यवाही न होने से जनता में रोष है...? आखिर महाडिक पर कार्यवाही होगी या नही यह प्रश्न पूरे उज्जैन की जनता के दिमाग मे चल रहा है । इंदौर में 100 बेड की व्यवस्था कर दी गयी महाडिक के हॉस्पिटल को दिए गए 4 करोड़ रु क्या ये नेता लोग शासन को वापस दिला पाएंगे...? उज्जैन की जनता की मांग थी कि सीएचएल उज्जैन को अधिगृहित करके वहां कोरोना मरीजों का इलाज किया जा सकता था । लेकिन यहां से 50 किमी दूर मरीजों को भेजने में जो दूरी तय करने में समय लगेगा उस पर किसी का ध्यान नही गया । 42 लोगो की मौत के बाद भी उज्जैन के नेता नही जागे है । अभी भी उन्हें केवल श्रेय लेने की राजनीति सूझ रही है । अभी तक न तो कोई केंद्रीय टीम आई न कोई विशेष दल आया । अब आंकड़ा 200 के पार हो गया है क्या यह टीम उज्जैन में ओर मौत का इंतजार कर रही है क्या...? एक-एक जान की कीमत उनके परिवार के लिये अनमोल है आखिर इतने लोगो के मरने के बाद भी टीम के आने में इतना समय क्यो लग रहा है...?  क्या उज्जैन इतना दूर है जहां तक पहुंचने में 3 दिन से ऊपर का समय लग चुका है लेकिन टीम अभी तक दिल्ली से उज्जैन नही पहुंची...? 16 घण्टे की दूरी क्या 16 दिन में पूरी होगी...? 

उज्जैन में एक से बढ़कर एक सुविधा होने का दावा करने वाले यह नेता फिर इंदौर की शरण में । आखिर उज्जैन के एक से बढ़कर एक निजी हॉस्पिटल को छोड़कर फिर इंदौर जाना समझ से परे है...? शहर से दूरी के चक्कर मे आरडी गार्डी पहुंचने के पूर्व ही उसके गेट पर लोग दम तोड़ चुके है अब उज्जैन से 50 किमी दूर जाने में कितनी जाने रास्ते मे कुर्बान हो जाएगी उसे सोचे बिना इंदौर-इंदौर चिल्लाने वाले यह नेता जब आरडी गार्डी में कोरोना परीक्षण लैब की स्वीकृति मिली थी तो सोशल मीडिया पर खूब वाह-वाही लूट रहें थे...? लेकिन आरडी गार्डी में मरीजों की मौत की जिम्मेदारी लेने को यह बिल्कुल तैयार नही...? आरडी गार्डी में एक ओर बात निकल कर आई वहां इलाज करने वाले ट्रेनी डॉक्टर ज्यादा है...? एक चिकित्सा विशेषज्ञ ने हाल ही में आरडी गार्डी का दौरा कर अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौपी उसमे उसने साफ-साफ लिखा है आरडी गार्डी में घोर लापरवाही बरती जा रही है । यहां कोरोना के संदिग्ध मरीजों को संक्रमित मरीजों के साथ रखा जा रहा है । यह चूक बहुत बड़ी साबित होगी इसमें संदिग्धों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की आशंका बनी रहती है क्योंकि यह संक्रमण संपर्क में रहने से फैलता है । एक ओर बड़ी चूक उज्जैन प्रशासन की सामने आ रही है अनेकों कोरोना संक्रमित एवं कोरोना से मौत हो चुके लोगो की ट्रेवल हिस्ट्री ,संपर्क हिस्ट्री की बारीकी से जांच नही की जा रही है । मेरे नजदीक में रहने वाली एक 52 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमण से मृत हो गयी उसके पास के 5 घरों को सील कर दिया लेकिन इन 5 घरों के लोग जो कि उस महिला के संपर्क में भी थे वे अपनी छतों पर घूमते हुए क्रिकेट खेलते हुए आसानी से देखे जा सकते है । यहां कोई भी पुलिस जवान निगरानी रखने के लिए नही है केवल गली सील करके इतिश्री कर ली गयी है । कॉलोनी के लोगो का कहना है कि मृत महिला ने हाल ही में कॉलोनी के एक झोला छाप डॉक्टर से इलाज करवाया था लेकिन यह बात प्रशासन ने न तो पता कि न ही जानकारी जुटाई । अब कहाँ जा रहा हैं कि उज्जैन में लॉक डाउन का सख्त पालन करवाया जाएगा । तो अभी तक यह पालन क्यो नही करवाया गया...? यह पालन न करवाने वाले जिम्मेदारों को क्या सजा मिलेगी...? 

(उक्त लेख में लिखी गई सभी बातें एवं जानकारी आमजन के सोशल मीडिया पोस्ट एवं वाट्स एप ग्रुप पोस्ट पर बातचीत से ली गयी है । इसमें लिखे गए शब्द एवं मांग आमजन द्वारा की गई है ।) 


लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी