विविधता में एकता का यह देश । जहां कदम-कदम पर विविधता है अलग पंथ अलग धर्म अलग जाती अलग भाषा अलग क्षेत्र दुनिया के किसी अन्य देश मे इतनी विविधता नही है । कोई कल्पना भी नही कर सकता कि इतनी सारी राजनैतिक पार्टी वाले देश का पीएम एक आह्वान करें और जनता उसकी एक आवाज पर उठ खड़ी हो । यह किसी सपने के जैसा लगता है । मेरा देश जहां का लोकतंत्र कोई समझ नही पाया । 2019 लोकसभा चुनाव के पूर्व चुनाव हुए तो कई प्रदेशों में भाजपा की हार हुई लेकिन बात कब केंद्र की आई तो ऐतेहासिक जनादेश फिर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ था । क्यो था यह आज पता चल रहा है कम क्षेत्रफल में अधिक जनसंख्या घनत्व का दुनिया का सबसे जटिल देश भारत जहां कोरोना यदि पैर पसार लेता तो लाखों करोड़ो तक लोग मारे जाते । अमेरिका का राष्ट्रपति कहता है कि यदि एक लाख तक लोग मरे ओर हम बच गए तो बहुत बड़ी बात है । राहुल गांधी के मामा का घर इटली में हाहाकार मचा हुआ है । दुनिया के कई देशों में हजारों मर रहें है लेकिन भारत मे मोदी के जादू के आगे कोरोना फीका पड़ गया । कल पता चला कि आखिर यह मोदी इस देश के लिए क्या है । मोहल्ले में देखा 4 घर कांग्रेस के पदाधिकारीयों के है मजे की बात है कि 9 बजे उन्होंने लाइट बन्द नही की थी लेकिन जब बाहर देखा कि सबने बन्द कर ली है तो उनके बच्चे जिनकी उम्र 10 साल के लगभग थी वो चीखने लगे लाइट बन्द करो 9 बज गए है सबने बन्द कर दी है और मजबूर होकर उन घरों की लाइट भी 9 मिनट के लिए बन्द हो गयी और कुछ देर में दिए भी लग गए । यदि वो ऐसा न करते तो मोहल्ले में उन्हें हिकारत की नजर से देखा जाता । जिसके विरोधियों को भी बात मानने पर मजबूर होना पड़ जाए वो नाम है पीएम नरेंद्र मोदी का । कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ जंग में रविवार को फिर एक बार जनता ने अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज कराई है। लॉकडाउन के कारण इन दिनों शाम होते ही शहर से गांव तक सन्नाटा पसर जाता है लेकिन रविवार को नज़ारा एकदम बदला नज़र आया। रात नौ बजते ही 9 मिनट के लिए लोगों ने अपने घरों की बत्तियां बुझाकर दीये-कैंडिल, टॉर्च या मोबाइल लाइट से रोशनी फैलाई।
नौ बजते ही घर दीपों की रोशनी से जगमग हो उठा। लोगों ने घर की बत्तियां बुझा दी औऱ दीपक व मोमबत्ती जलाकर चारो ओर रोशनी बिखेरी। मोहल्लों से लेकर चौराहे-तिराहों तक हर ओर पटाखों की गूंज भी सुनाई दे रही थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एकजुटता दिखाने के मौके पर भी देशवासी पूरे समर्पण से कोरोना से लड़ी जा रही लड़ाई में अपनी भूमिका तय कर रहे हैं। हालांकि पीएम मोदी की अपील पर इस बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। किसी अन्य देश मे जहां कोरोना के कारण टेंशन है वही भारत मे विपदा के समय की एकजुटता ने लोगो ने इसे पर्व की तरह मनाकर अपनी परिपक्व मानसिकता का परिचय दुनिया को कराया और दिखाया कि भारत बदल चुका है दुनिया के बड़े-बड़े देशों में त्राहि-त्राहि मची है लेकिन भारत की जनता इस वायरस को हराने के लिये संकल्पित है । शहर में दीप जलाने के बाद लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। कुछ लोगों ने घरों से शंखध्वनि करने के साथ जयश्रीराम के नारे भी लगाए। यही नजारा ग्रामीण इलाकों का भी रहा।
आखिर दीप जलाने का लाभ क्या ? हमारी भारतीय संस्कृति में दीप का महत्व बताया गया है । हमारे शास्त्र क्या कहते है । इन 2 श्लोक के माध्यम से जान सकते है ।
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति।।
अर्थात दीप की रोशनी परब्रह्म का स्वरूप है, यह नारायण रूप है। संध्या काल में जलाया जाने वाला दीप ना सिर्फ अंधकार यानी नकारात्मक ऊर्जा का हरण करता है बल्कि अनजाने में हुए पाप का भी शमन करता है। दीप शत्रुओं का विनाश करता है और आरोग्य एवं सुख प्रदान करता है।
ऋग्वेद में दीप के बारे में कहा गया है-
अयं कविकविषु प्रचेता मत्र्येप्वाग्निरमृतो नि धायि।
समानो अत्र जुहुर: स्हस्व: सदा त्व्सुमनस: स्याम।।
अर्थ -:
हे दीप तुम अज्ञानी में ज्ञान स्वरूप यानी अकवियों में कवि बनकर, मरे हुए में अमृत बनकर रहने वाले हो। हे देव रूप प्रकाश आपसे हमें अंधकार को मिटाकर आगे बढ़ने और ऊंचा उठने की प्रेरणा मिले और हमारा जीवन सुखी हो। इसलिए धर्म ग्रंथों में दीप को बुझाना घोर पाप कहा गया है और जो नियमित दीप जलाते हैं उनके लिए उत्तम लोक पाने की बात कही गई है
इस समय का ज्योतिष के हिसाब से भी अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि यह केवल प्रतीकात्मक शक्ति प्रदर्शन मात्र नही था बल्कि इसकी जड़ें भारतीय संस्कृति के साथ जुड़ी हुई थी । पांच अप्रैल 2020 को रात्रिकाल अर्थात रात्रि नौ बजे पूर्वा फाल्गुनि नक्षत्र है, जिससे सिंह राशि बनती है। जिसका अधिपति सूर्य है। सूर्य परमेश्वर की ज्योति का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोक में अंधकार से प्रकाश की स्थापना करते हैं।5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे चैत्र माह शुक्ल पक्ष में त्र्योदशी तिथि, पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में तुला लग्न और सिंह राशि का चंद्रमा गोचर मे होगा। उस समय श्री अनंग त्रयोदशी भी है। अनंग अर्थात मंगल। आम जनता की जान-माल की रक्षा और सुख, स्वास्थ्य के लिए चतुर्थ भाव में उच्च के मंगल की शनि और गुरु के साथ युति महत्वपूर्ण कारक है जिसमें शनि के अंधकार को मंगल की ऊर्जा को बढ़ाने से अवश्य किया जा सकता है। आमजन के मनोबल को बढ़ाने के लिए सिंह अर्थात सूर्य की राशि मे बैठे चंद्रमा को जलते हुए दीपकों से अवश्य बल मिलेगा।धर्मिक दृष्टि से देखा जाए तो दीप का बड़ा ही महत्व है। हिंदू धर्म में दीप को आत्मा और ईश्वर का प्रतीक तक माना गया है। यह धर्म और विजय का सूचक भी होता है। धर्म ग्रंथों में रोग को अंधकार और आसुरी शक्तियों का सहायक माना गया है। जिसे हराने के लिए दैवी शक्ति के प्रतीक चिह्न के रूप में हर शाम दीप जलाने की बात कही गई है।
लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी