पालघर में निर्दोष बूढ़े संत की लोहे की रॉड ,डंडों,तलवारों से पीट-पीट कर पुलिस के सामने निर्मम हत्या ,धर्म विशेष के लोगो द्वारा हमला ?
महाराष्ट्र सरकार से गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट 

 बाला साहेब ठाकरे के बेटे की सरकार में यह क्या हो गया ? आज बाला साहेब की आत्मा सबसे ज्यादा दुखी होगी । हिन्दू शेर का कैसा मेमना बेटा है जो सत्ता के लालच में ऐसा घिर गया कि उसे सही गलत दिखाई नही दे रहा है । लानत है ऐसी सरकार पर लानत है ऐसे मुख्यमंत्री पर ,थू है ऐसे मानसिक विकृत लोगो पर जिन्होंने निरापराध संत को पुलिस से छुड़ाकर पुलिस के सामने मारा ,लोहे की रॉड से सिर पर इतना जोरदार हमला किया उस संत पर जो हाथ जोड़ रहा था । जो बाहर आया क्योकि पुलिस लेकर आई और वो संत पुलिस का हाथ पकड़कर आया कि यही पुलिस मेरी रक्षा करेगी इन दरिन्दों से लेकिन पुलिस ने बाहर आते ही उस साधु को हमलावरों के हवाले कर दिया । इस घटना की जब चारो तरफ निंदा होने लगी तब जाकर सरकार एक्शन में आई । 16 अप्रैल की रात पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं समेत 3 की पीट-पीट कर हत्या हुई, तीनों एक साथी के अंतिम संस्कार में शामिल होने कांदिवली से सूरत जा रहे थे। उन्होंने एक वैन किराये पर ली थी। लॉकडाउन के बीच वे 120 कि.मी. का सफर तय कर चुके थे। गड़चिनचले के पास वन विभाग के एक गार्ड ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वह गांव के रास्ते गुजरात जाने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान गांव में फंस गए । यही पर भारी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया । हमले में मारे गए संत सुशील गिरि का बचपन का नाम शिवनारायण उर्फ़ रिंकू दुबे था।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस मामले में एफआईआर दर्ज कर 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें 110 में से 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है जबकि नाबालिगों को जुवेनाइल सेंटर होम में भेजा गया है। इस घटना में 5 मुख्य आरोपी है एवं 9 नाबालिग आरोपी है ।लेकिन इतने भर से इस घटना को भुला नही जा सकता इस घटना के आरोपियों की बड़ी संख्या है उन सभी में से हथियार जिनके हाथ मे है उनकी अलग पहचान कर उन्हें फांसी पर लटकाया जाए और बाकी बचे अपराधियों को उम्रकैद देना चाहिए साथ ही इन सभी की संपति जब्त कर लेना चाहिए । महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कह रहा है ध्यान रहें ऐसी घटना दौबारा न हो लेकिन यह नही बता रहा है कि अभी घटना में शामिल मानसिक जेहादियो का करेगा क्या ?

भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा था कि संतों की हत्या कर दी गई और देश के सभी धर्मनिरपेक्ष आज खामोश बैठ हैं।इलाहाबाद मेंअखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रह्मलीन संत को समाधि देने जा रहे साधु-संतों पर पुलिस की मौजूदगी में एक धर्म विशेष के लोगों ने हमला कर हत्या कर दी। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेताया कि अगर सरकार ने हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाड़े बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद करेंगे।श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद ने सीबीआई जांच की मांग की है,कहा है कि संतों की पुलिस की मौजूदगी में हत्या निंदनीय है। महाराष्ट्र सरकार दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करे नहीं तो लापरवाही उसके लिये घातक होगी। केंद्र सरकार से मांग की है कि इस घटना की सीबीआई जांच हो।डॉ. कुमार विश्वास (Kumar Vishvas) ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है और उन्होंने इसे महाराष्ट्र सरकार के माथे पर कलंक बताया है।  कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा ‘पालघर की लोमहर्षक घटना महाराष्ट्र शासन के माथे पर कलंक है। इरफान पठान ने लिखा, 'पालघर मॉब लिंचिंग की तस्वीरें देखकर बेहद दुख हुआ। काफी भयानक और बर्बर। शर्मनाक।'


लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी