कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वाले को 7 साल तक कि सजा मोदी सरकार ने पास किया सख्त कानून

हाल ही में इंदौर-भोपाल एवं पुरे देश मे जगह-जगह कोरोना योद्धाओं पर जानलेवा हमले हुए । तब्लीगी जमाती तो नर्सो के सामने अश्लील इशारे करना ,गाली देना ,एवं नग्न घूमने जैसी जाहिल हरकत तक कर चुके थे । डॉक्टरों पर थूकना या पुलिस के रोकने पर पुलिस कर्मियों पर थूकना जैसी घटनाओं को देखते हुए मोदी सरकार ने 123 साल पुराने कानून में संसोधन कर दिया । राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही यह देशभर में लागू हो जाएगा । केन्द्र सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को रोकने के लिए अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति मेडिकल कर्मचारियों के साथ हिंसा करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। कोरोना महामारी के दौरान देखा गया कि कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे मेडिकल स्टाफ पर देश के कुछ हिस्सों में हमले की खबर सामने आई थी। इसके बाद सरकार सख्त हो गई और अब अध्यादेश लेकर आई है।डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने सख्त रवैया अख्तियार करने की बात पूर्व में कही थी आज सुबह गृह मंत्री अमित शाह ने डॉक्टरों से बात करने के दौरान उन्हें आश्वस्त किया था शाम होते ही चंद घण्टों में अपने आश्वसन को उन्होंने पूरा कर दिखाया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कैबिनेट ने बुधवार को 123 साल पुराने महामारी कानून में संशोधन का अध्यादेश पास कर दिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि डॉक्टरों और किसी स्वास्थ्यकर्मी पर हमला अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब अगर किसी पर हमला किया जाता है तो अधिकतम 7 साल की सजा और 5 लाख जुर्माने का प्रावधान कानून में रखा गया है। ऐसा हमला संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध माना जाएगा।जावड़ेकर ने यह भी बताया कि महामारी से लड़ने वालों के खिलाफ हिंसा हो रही है और लोग उन्हें बीमारी फैलाने वाला समझ रहे हैं। महामारी कानून 123 साल पहले का है और इसमें हमने बदलाव किया है। 

अमित शाह ने डॉक्टरों से बात के बाद किया था आश्वस्त :- जावड़ेकर ने बताया कि आज सुबह  गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन ने मेडिकलकर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। डॉक्टरों ने मांग की थी कोरोना काल में उनकी सुरक्षा के लिए सरकार कानून लाए। गृह मंत्री ने उन्हें भरोसा दिया था कि डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि NSA, IPC, CRPC होने के बावजूद यह अध्यादेश लाने का फैसला किया गया। 

क्या है कानून :- 

★ सरकार की ओर से महामारी रोग अधिनियम में संशोधन के लिए नया अध्यादेश लाया गया है।

★ अब कोरोना वॉरियर्स पर हमला गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा।

★सीनियर इंस्पेक्टर लेवल का अधिकारी जांच करेगा । 

★जांच अधिकारी को 30 दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी।

★कोरोना योद्धाओ पर किये गए ऐसे अपराध में 3 महीने से 5 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

★कोरोना योद्धाओ को गंभीर चोट आने की स्थिति में 6 महीने से 7 साल तक की सजा और एक लाख से 5 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

★अगर स्वास्थकर्मियों की गाड़ी और क्लीनिक का नुकसान होता है तो उसकी मार्केट वैल्यू का दोगुना हमला करने वालों से वसूला जाएगा। 


लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी