एक और आज पूरा देश संकट के समय अपने सभी जरूरी काम छोड़कर घर के अंदर रह रहे है ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें । वही दूसरी और कुछ जाहिल किस्म के लोग बाज नही आ रहें है यह बिना किसी कारण घर से बाहर निकलते है और पुलिस द्वारा रोकने पर उन पर थूकते है । पत्थर बरसाते है डंडे लेकर पीछे दौड़ते है । शान्ती के टापू मध्यप्रदेश के भोपाल ,इंदौर में तो यह घटना कई बार हो चुकी है भोपाल में तो ओर हद पार हो गयी जब पुलिस वालों पर चाकू से हमला कर दिया गया । आज मेरे पास कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत के बाद कि शव यात्रा का वीडीयो आया । ऐसी शवयात्रा जिसमे उसके घर के एक सदस्य तक शामिल नही थे । ऐसी शवयात्रा जिसमे शव वाहन के पीछे के हिस्से में केवल शव को अकेला रखकर ले जाया गया । ऐसी शवयात्रा मेने पहली बार देखी जिसमे केवल सरकारी स्टाफ के 3 लोग शामिल थे घर परिवार नाते रिश्तेदार कोई भी देखने तक नही आया । जबकि मृतक की उम्र मात्र 35 साल थी । ऐसी शव यात्रा आपके चाहने वालो की न हो इस लिए पुलिस जान हथेली पर रखकर आपकीं सुरक्षा में तैनात है । पुलिस सख्त लहजे में भी बोलेगी तो आपके भले के लिए बोलेगी बिना कारण घर से निकलने पर आप स्वयं को खतरे में डाल ही रहें है अपने घर वालो के भी जान के दुश्मन बन जाएंगे । सोचिए क्या पुलिस या स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करके आप अपने जीवन रक्षको पर हमला कर रहें है । मध्यप्रदेश सरकार केवल रासुका लगाकर न रुके ऐसे लोगो की संपति भी जब्त की जाए । जब ये लोग घर मे रहना ही नही चाहते तो इनके घरों को अस्पताल में कन्वर्ट कर दिया जाए और ऐसे लोगो की ड्यूटी संक्रमितों की सेवा में लगा दी जाए । ताकि इन्हें ओर इनके जैसे समाज के दुश्मनों को सबक सिखाया जा सकें । इंदौर के चंदन नगर इलाके में मंगलवार शाम पुलिस के गश्ती वाहन को रोककर जवानों से एक खास समुदाय के युवाओं ने बदसुलूकी की बावजूद इसके पुलिस हाथ जोड़कर समझाती रही । तब इन समुदाय विशेष के लोगो ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। पुलिसवालों ने भागकर जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। बाद में इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम नासिर, इमरान, सलीम और समीर हैं। एएसपी मनीष खत्री ने मीडिया को बताया कि चंदन नगर इलाके में पुलिस का गश्ती वाहन घूम रहा था, इसी दौरान कुछ लोग वैन में सवार होकर कहीं जाने की तैयारी में थे। पुलिस जवान ने जब वाहन को चेकिंग के लिए रोका तो इसमें सवार विशेष समुदाय के आरोपियों ने पथराव कर दिया। जवान ने आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी। पुलिस फौरन हरकत में आई और राजेंद्र नगर सीएसपी, अन्नपूर्णा एएसपी मनीष खत्री की टीम ने 60 पुलिसकर्मियों के साथ इलाके में दबिश दी और 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो फरार हैं। ठीक इसी प्रकार की बेहद शर्मसार करने वाली दूसरी घटना इंदौर के छावनी चौराहे पर हुई। यहां चेकिंग कर रहे पुलिसकर्मियों ने बाइक पर जा रहे दो युवकों को रोका और उनसे घर के बाहर निकलने की वजह पूछी तो वह इसकी ठोस वजह नहीं बता पाए।दोनों ने मास्क भी नहीं पहना था। पुलिसकर्मियों ने जब कार्रवाई का कहा तो बदतमीजी ओर हाथापाई करने लगे और इसी बीच दोनों ने वहां खड़े जवानों पर थूक दिया। पुलिस की कॉलर तक पकड़ ली जवानों की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। यह दोनों जवाहर मार्ग पर रहते हैं। इनकी पहचान मोइज अली और फजल हुसैन जावदवाला के रूप में हुई है।
मुस्लिम समाज की तरफ से इंदौर के अखबार में माफी नामा छापा गया था उसमें क्या लिखा था जरा एक नजर डालिए :-
मुस्लिम संगठनों की ओर से छपे माफीनामा में कहा गया है- 'डॉ. तृप्ति कटारिया, डॉ. जकिया सैयद, समस्त डॉक्टर, नर्सों,मेडिकल टीम,शासन-प्रशासन के समस्त अधिकारी,सभी पुलिसकर्मी, सभी आशा-आंगनबाड़ी, संस्थाएं और समस्त लोग कोरोना के बचाव में लगे हुए हैं, हमारे पास आपके लिए शब्द नहीं हैं, जिससे हम आपसे माफी मांग सकें,यकीन कीजिए हम शर्मसार हैं, उस अप्रिय घटना के लिए जो जाने-अनजाने और अफवाहों में आकर हुई है,माफीनामा में आगे लिखा गया है कि हम इकरार करते हैं कि उस रब के बाद आप लोग ही हैं,जो हमारी हर बीमारी और हर मुश्किल के समय हमारे लिए दीवार बनकर खड़े रहते हैं,इसीलिए आज हम दिल से आप सभी से माफी मांगना चाहते हैं, हमें माफ कर दीजिए,साथ ही आगे कहा गया है कि हम उस वक्त में पीछे जाकर उसे सुधार तो नहीं सकते हैं, पर वादा करते हैं कि भविष्य में समाज की हर कमी को खत्म करने की हरसंभव कोशिश जरूर करेंगे।
अब यदि आपने माफिनामी पढ़ लिया होगा और ऊपर की पूरी घटना पढ़ी होगी तो आप समझ गए होंगे कि शीर्षक में मैने माफीनामे को ढोंगी क्यो बताया था ।
लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी