घर में रहे ,तो क्या करें,,,,

सभी को जय सियाराम प्रणाम जैसा की सर्वविदित है भारत भूमि देवभूमि और यहां रहने वाले लोग धार्मिक प्रवृत्ति के व उदार ह्रदयी हैं  यहां के लोग अन्य देशों से अधिक  जप-तप और भजन के महत्व को जानने वाले हैं यहां के लोग मन से इस बात को स्वीकार करते हैं कि जब दवा काम नहीं आती तो दुआ काम आती है अभी हमारा देश गहन समय से गुजर रहा है और देश की केंद्र व सभी राज्य सरकारों ने हमारी आपकी सुरक्षा के लिए 21 दिनों तक लाँक डाउन रहने की अपील की है पर निश्चित रूप से इससे जो लोग रोज प्रतिदिन व्यापार के लिए नौकरी के लिए और अन्य किसी काम के लिए घर से बाहर रहते थे उनके लिए अब घर पर रहना मुश्किल हो रहा है घर पर समय कांटा नहीं जा रहा है यह 21 दिन कैसे निकलेंगे केवल यही सोच बना रहता है मैं उन सब को यह बताना चाहता हूं कि ऐसा विषम समय होने पर भी आध्यात्मिक दृष्टि से अभी बड़ा ही पावन समय चल रहा है अभी चैत्र का पावन माह प्रारंभ हो चुका है हम लोग नववर्ष में हैं और मां की आराधना के नवरात्रि चल रहे हैं यह समय शक्ति भक्ति और ऊर्जा के अर्जन का समय है हम लोग घर में रहकर 9 दिनों तक मां के 9 स्वरूपों की आराधना करें उसके बाद नवरात्रि के विश्राम दिवस पर श्री राम जी का प्राकृटय दिवस हम सब लोग अपने अपने घरों में मनाए क्योंकि कहा जाता है श्री राम जी का जन्म चैत्र के पावन महीने में शुक्ल पक्ष में नवमी तिथि वह मध्यान के अभिजीत मुहूर्त में हुआ था यह बड़ा ही पावन समय है जो भक्ति करने वाले को हृदय में शांति देने वाला है इसलिए राम जन्म उत्सव हमारे अंदर चल रही सभी ऊथल-पुथल को समाप्त कर हृदय में शांति प्रदान करेगा  इसके बाद अहिंसा को ही परम धर्म मानने वाले श्री महावीर जी का जन्म है  जिनकी दि शिक्षा आज के वर्तमान समय में सबसे अधिक लाभकारी है कि निर- अपराध जंतुओं को मारकर खाना हिंसा है इसलिए अहिंसा वादी रहे फिर इसके पश्चात आने वाली 8 तारीख को संकट हरण मंगल मूर्ति श्री हनुमान जी का जन्मोत्सव है हनुमान जी निश्चल निष्काम भक्ति के आदर्श है उनके जन्मोत्सव  पर अपने घरों में रहकर हम उनसे प्रार्थना करे कि पवन तनय संकट हरण मंगल मूर्ति रुप|| राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुरभुप|| आप श्री सीताराम जी और लखन जी सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए जब राम का निवास हमारे ह्रदय में होगा और जो आनंद सिंधु सुखरासी हैं आनंद और सुख के धाम हैं तो उनके हमारे अंदर रहने पर सारी नकारात्मक उर्जा समाप्त होकर सुख व शांति की सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होगी वही सकारात्मक ऊर्जा फिर हमारे अंदर से हमारे निकट के लोगों तक और फिर बाहर  फेलेगी  जिससे सबका मंगल हो कल्याण होगा

 घर पर रहे प्रभु स्मरण करें सुरक्षित है

 धन्यवाद।        

                                                                      सुलभ शांतु गुरु

(श्री राम कथाकार)