एनसीपी नेता विनय दुबे ने षड्यंत्र के तहत इक्कठा किये थे बांद्रा में मजदूर,पुलिस ने किया गिरफ्तार

 देश के पी.एम.नरेंद्र मोदी जिनकी दूर दृष्टि से आज देश की हालत फिर भी अन्य देशों के मुकाबले ठीक है,आखिर मोदी जी की सफलता उनके विरोधी कैसे पचा सकते है । अरबो रुपये की संपत्ति की मालकिन सोनिया गांधी और उनका परिवार सिर्फ राय देकर काम चला रहा है । ऐसी राय दी जा रही है जो देश मे मजाक का विषय बनी हुई है । व्यस्तता में लोग कांग्रेस को समझ नही पाते है लेकिन लॉक डाउन में लोगो को कांग्रेस को समझने का अच्छा मौका मिल रहा है । कैसे कांग्रेसी देश विरोधी कार्य मे लिप्त रहते है इसके अनेकों उदाहरण से देश रूबरू हो रहा है । सी. ए. ए.(CAA)आने के बाद देश मे शान्ती थी यह शान्ती कांग्रेस को हजम नही हुई । तब कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंच से खुले एलान जैसा भाषण दिया कि आप लोग घरों में मत बैठो घर के बाहर निकलों ओर इस बिल का विरोध करो उनका कहना उनके कोर वोटर ने नही टाला ओर दिल्ली में हंगामा मचा दिया । चंद घण्टो में दिल्ली को आग के हवाले कर दिया । कोरोना से जंग में देश-विदेश में मोदी की तारीफ हो रही थी लॉक डाउन में सभी उनके कदम के साथ थे विपक्षी दलों को यह नही पचा ओर वो अपने बी टीम के नेताओ के साथ मैदान में कूद पड़ी । बांद्रा की भीड़ सुनियोजित भीड़ थी उसके वीडियो देश के अग्रणी न्यूज चैनल आजतक और जी न्यूज पर लगातार प्रसारित हो रहें है । जिसमे मजदूरों को सिखाया गया कि आप यहां रुकने की,खाने की व्यवस्था करो अन्यथा हमे 15 हजार दो या घर भेजो यह मांग करनी है जो तुमसे मिलने आये उनसे । आखिर इसके पीछे की वजह क्या है ? तब मैंने खोज करना शुरू की ओर विनय दुबे नामक युवक तक जाकर सारे जांच के तार पहुंचे । इसी कांग्रेस नेता ने एक भ्रामक मेसेज चलाया की सभी बांद्रा एकत्र हो जाये मेने सभी मजदूरों के लिए बस की व्यवस्था की है फिर क्या था कुछ ही देर में हजारों की भीड़ एकत्र हो गयी और लॉक डाउन का खुला उल्लंघन हो गया । फिर मजदूरों के कंधों पर रखकर बंदूक चलाई गई जिसे भावनाओ के नाम पर परोसा जाने लगा कि मजदूर परेशान है । जब सारी राज्य सरकार अपने यहां रुके नागरीकों के लिए भोजन कि व्यवस्था कर रहें है तो महाराष्ट्र की कांग्रेस शिवसेना यह व्यवस्था क्यो नही कर पा रही है ? क्यो मजदूरों को यह लोग कोई राशि जारी नही कर सकते जैसे यूपी और एमपी में जारी की गई ? क्या यह जनता आपकीं नही है ? क्या इसने आपको वोट नही दिया है ? आपकीं सरकार इन्ही की मेहरबानी से है तो क्या सारा काम मोदी ही करेगें या कुछ काम यह राज्य सरकारें भी करेगी । कई दिनों से प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर विनय एक तरह से अभियान चला रहा था। उसके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट खंगालने पर पता चलता है कि वह कई दिनों से इससे संबंधित पोस्ट कर रहा था। 13 अप्रैल को विनय ने एक पोस्ट डाला, जिसमें उसने केंद्र और उत्तर भारत की राज्य सरकारों को चेतावनी दी कि अगर 18 अप्रैल तक दूसरे राज्यों के लोगों को घर पहुंचाने का प्रबंध नहीं हुआ तो वह देशव्यापी आंदोलन करेगा। इसके अलावा, एक दिन पहले विनय ने एक और वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह आरोप लगाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों की जिंदगी के बारे में बिना सोचे देश में लॉकडाउन का फैसला लिया है। विनय ने 14 अप्रैल के बाद रेलवे को चालू करने का आग्रह किया था, ताकि मजदूर अपने घरों को वापस लौट सकें। वीडियो में वह अपना नंबर भी शेयर करता है और लोगों को जाने के लिए इस पर सूचना देने की अपील करता है।


कड़ी नम्बर -1

मुंबई का एनसीपी नेता विनय दुबे सामने आता है और अफवाह फैलाता है कि उसने पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने के लिए कई बसों का इंतजाम किया है।

कड़ी नम्बर -2 

उसके इस झूठ पर भरोसा करके 2 से 3 हजार लोगों की भीड़ मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो जाती है,लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा दी जाती हैं,कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

कड़ी नम्बर - 3 

बांद्रा स्टेशन पर जिन लोगों को घर भेजने के नाम पर इकट्ठा किया गया था,उसमें से ज्यादातर लोगों के पास घर जाने लायक भारी लगेज नहीं थे,क्या वो लोग सिर्फ भीड़ जमा करके लॉकडाउन तोड़ने की नीयत से इकट्ठा हुए थे?

(विनय के सोशल मीडिया स्क्रीन शॉट लेख के साथ सलग्न है) :-


पुलिस ने किया गिरफ्तार :- पुलिस का मानना है कि आरोपी विनय ने ही प्रवासी मजदूरों को उकसाया, जिसकी वजह से मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर मंगलवार की शाम जन सैलाब उमड़ पड़ा और फिर स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी। अब आगे में कुछ नही कहूंगा आप कुछ फोटो देखकर सब समझ जायेंगे ।यह फोटो इसके सोशल मीडिया एकाउंट्स से स्क्रीनशॉट के जरिये लिए गए है। 


(लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी)