सावधान । कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक जिसके कारण भारत मे हर घण्टे में 4 लोगो की मौत हो रही है
 


कोरोना वायरस से भारत में सिर्फ एक मौत से मास्क की बिक्री में 500 गुना इजाफा लेकिन बिना हेलमेट हर घण्टे 4 लोगों की मौत के बाद भी हेलमेट से नफरत आखिर क्यों ? - 

 

 

आखिर हौवा क्या होता है भारत के लोगो मे यह बात आपको आसानी से समझ आ जायेगी । इतने बड़े देश मे केवल 29 लोग संक्रमित मिलें उनमें से भी 15 इटली के फिर भी हौवा देखिए चारो तरफ मास्क की बिक्री ऐसे बढ़ रही है जैसे कोई बहुत बड़ी आपदा आ गयी हो । देश के नागरिक जागरूक है, अच्छी बात है, होना भी चाहिए, संक्रमित होने से बेहतर से संक्रमण होने ही नही दिया जाए । लेकिन यह डर केवल कोरोना वायरस से ही क्यों ? यह डर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों से क्यो नही ? यह बचाव यह जागरूकता जब कहाँ चली जाती है ? चीन (China) के वुहान शहर से शुरू हुआ नोवल कोरोना वायरस (Corona Viruss) पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। भारत मे इसके आने की खबर से ही लोग दहशत में है । इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि

 कोरोना वायरस संक्रमण की आशंकाओं के बीच कर्नाटक में मास्क की बिक्री में 500 गुणा बढ़ोतरी हुई है। किल्लत के कारण मास्क पर्याप्त संख्या में हर जगह उपलब्ध नहीं है। कीमतों में दो गुणा इजाफा हुआ है। बड़ी संख्या में लोग एक साथ कई मास्क खरीद (purchase) रहे हैं।

कुछ दिनों पहले तक पांच रुपए में मिलने वाले साधारण मास्क की कीमत 10 रुपए पहुंच चुकी है। सर्जिकल मास्क भी खूब बिक रहे हैं जो कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी नहीं है। संक्रमण रोकने में नाकाफी है। चिकित्सक थ्री लेयर और एन-95 मास्क (N-95 Mask) को ही तरजीह देते हैं। कुछ दिन पहले भारत सरकार ने एन-95 मास्क के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। बढ़ती मांग की वजह से देश में एन-95 मास्क की कमी हो रही है। दिल्ली-एनसीआर में मास्क की बिक्री बढ़ गई है, दाम दोगुने तक हो गए हैं और यहां तक कि इसकी कमी भी हो रही है। दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के नब्बे हज़ार से अधिक मामले सामने आए हैं लेकिन इनमें से लगभग अस्सी हज़ार मामले अकेले चीन में ही हैं, शोधकर्ताओं ने अभी तक के आंकड़ों के आधार पर पाया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित प्रति एक हज़ार में से एक शख़्स की मौत हुई है ।विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर चार मार्च तक 28 मामलों की ही पुष्टि की गई है,विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक़ इन 28 मामलो में से 17 जयपुर में, दिल्ली में एक, आगरा में छह और तेलंगाना में एक केस सामने आया है,इससे पहले केरल में तीन मामले सामने आए थे,हालांकि इन तीनों को ही इलाज के बाद वापस भेज दिया गया ।


 

★संक्रमित होने पर ही मास्क जरूरी :-

चिकित्सकों का कहना है कि अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क की जरूरत नहीं है। हां अगर आप किसी कोरोना वायरस से ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो बेशक आपको मास्क पहनना होगा। वहीं जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 

 

 

कोरोनावायरस से भी ज्यादा खतरनाक है हेलमेट न पहन कर गाड़ी चलाना : - 

अब बात आती है सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौत बाइक चालको एवं यात्री की होती है । इसका सबसे बड़ा कारण है हेलमेट नही पहनना । इस लापरवाही से आपके जाने के बाद आपके परिवार पर जो वज्रपात होता है उसकी आप कल्पना करके देखिए आप हमेशा हेलमेट पहनेंगे । तो आखिर इसके पीछे के आंकड़े क्या कहते है उन्हें पढ़ लीजिये आप चौक जाएंगे । 2017 के एक आंकड़े के मुताबिक भारत में हेलमेट नहीं पहनने की वजह से रोज 98 लोगों की मौत होती है, ये आंकड़ा हैरान करने वाला है ।आप सोच सकते हैं कि हेलमेट लगाना कितना जरूरी है ।सिर्फ हेलमेट की वजह से 98 लोगों की रोज रोड एक्सीडेंट में मौत हो रही है। एक आंकड़े के मुताबिक 2016 में रोड एक्सीडेंट की वजह से कुल 1.51 लाख लोग मारे गए । 2017 में इसमें मामूली सुधार हुआ ।2017 में रोड एक्सीडेंट में कुल 1.48 लाख लोग मारे गए ।हालांकि इस दौरान सिर्फ सेफ्टी वजहों से मारे जाने वालों लोगों की संख्या बढ़ी ।2016 की तुलना में 2017 में हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हुई मौतों में बहुत ज्यादा इजाफा देखा गया,2016 में हेलमेट नहीं पहनने की वजह से 10,135 लोगों की मौत दर्ज की गई. वहीं 2017 में ये आंकड़ा बढ़कर 36,000 हो गया । भारत में 2017 में हुए सड़क हादसों के आंकड़ों का आकलन किया और पाया कि सड़क हादसों में सबसे ज्यादा दुपहिया चालक ही मारे जाते हैं. अब तक के मौजूद आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारत में लगभग 48,746 दुपहिया चालकों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई थी ।आंकड़ों ने यह भी बताया कि इन में से 73.8 प्रतिशत दुपहिया चालकों ने हेलमेट नहीं पहना था ।इसका मतलब यह कि भारत में 2017 में हर घंटे 4 लोगों की मौत हुई जो बिना हेलमेट के सड़क पर दुपहिया वाहन पर सवार थे,सड़क हादसों में मरने वालों में दुपहिया चालक पहले स्थान पर आते हैं. 2017 में 48,746 दुपहिया चालकों की सड़क हादसे में मृत्यु हो गयी थी जो सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या का 33 प्रतिशत है । 

 

(लेख बिना लेखक की मंजूरी के कॉपी करने पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी । लेख के प्रकाशन के पूर्व लेखक की सहमति प्राप्त करना आवश्यक है । )

 


लेखन एवं संकलन - मिलिन्द्र त्रिपाठी