निर्भया के दोषियों के वकील की मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी कहाँ निर्भया की माँ के सामने मीडिया वाले सालभर नाचे ,जनता के हाथों पीटने से बाल-बाल बचा बलात्कारियों का वकील

हर किसी को वकील करने का अधिकार है । वकालत का पेशा हमारे देश मे बहुत ही सम्मानीय पेशा माना गया है । हमारे देश के वकील इतने संवदेनशील होते है की वो ऐसे केस लड़ने से मना कर देते है और न सिर्फ मना करते है बल्कि कोर्ट आने पर दोषियों को पिट भी देते है । इस देश मे आतंकवादी कसाब को भी कोर्ट ने वकील उपलब्ध कराया था लेकिन कोर्ट के बाहर यदि ऐसी गैर मर्यादित टिप्पणी कोई वकील करें तो सभ्य समाज मे इसे अच्छा नही माना जायेगा ।  मीडिया का काम होता है हर खबर को निष्पक्ष दिखाना इस क्रूर अपराध पर मीडिया ने 7 साल लगातार कवरेज किया क्योकि देश की जनता सीधे इस केस की पल-पल की खबर जानना चाहती थी । यदि मीडिया न होती तो शायद यह फांसी भी न हो पातीं ,क्योकि आपके जैसे वकील हर बलात्कारी को देश मे बचा रहें है । मीडिया ने देश को सचेत किया इसी लिए आप मीडिया पर भड़क रहें है । आप ने इस केस को लड़ते समय कहाँ की में मेरी माँ के कहने से यह केस लड़ रहा हूँ । आप क्यो अपनी माँ को बदनाम कर रहे है । कोई माँ ऐसे केस लड़ने के लिए अपने बेटे को नही बोलती जिससे उसके खानदान की इज्जत देशभर में तार-तार हो जाये । केस लड़ना आपका काम है लेकिन ऐसी अभद्र टिप्पणी भी क्या आपने अपनी माँ के कहने से की है ।  इस केस में निर्भया की माँ और निर्भया की वकील सीमा कुशवाह को जहां देश भर में सोशल मीडिया पर सम्मान दिया जा रहा है । वही केस के विरोधी वकील सिंह को जनता अपशब्दों के साथ कमेंट कर रही है  । फांसी की अंतिम रात भी एपी सिंह ने विवादित बयान देते हुए कहा कि 12 बजे रात में लड़की को निकलना ही नहीं चाहिये, इतना ही नहीं,  सिंह ने निर्भया को अपने दोस्त के साथ घुमने पर भी सवाल उठाया था, उन्होंने कहा था कि अगर मेरी बेटी इस तरह रात बारह बजे अगर किसी लड़के साथ बाहर घुमने जाती तो, मैं उसे फॉर्म हाउस में आग लगाकर मार देता । इस बात का जवाब इसके ही जैसे हैदराबाद पशु डॉक्टर के साथ हुआ रेप केस में छुपा हैं ।अभी देश भुला नही है 

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 27 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक की रेप के बाद जला कर हत्या कर दी गयी थी । रात 10 बजे करीब पीड़िता की स्कूटी पंचर होने के कारण सड़क किनारे खड़ी थी। वहां 4 लोगों ने मदद करने के बहाने इस वारदात को अंजाम दिया था । इस केस में भी रात हो गयी थी लेकिन इसमें उस महिला डॉक्टर का क्या दोष था? वकील एपी सिंह बताए कि आपकीं बेटी यदि शाम को कोचिंग क्लास गयी है और वहां से आते समय गाड़ी खराब हो जाने पर वो आने में लेट हो जाये और भगवान न करें कोई गलत हादसा उसके साथ हो जाये तब भी आपकीं राय महिलाओं ,बेटियों के बारे में इतनी घिनोनी रहेगी । मेट्रो शहर में बेटियां मीडिया में काम करती है लेट नाइट घर जाती है साथी सहयोगियों के साथ तो क्या उन बेटियों पर भी आप ऐसी अभद्र टिप्पणी करेंगे । आप यह क्यो नही कहते कि बलात्कारी घर मे रहें या वो अपनी मानसिकता में सुधार करें । आप तो बेटियों पर ही दोषारोपण करने लगे । इस अभद्र टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट में मौजूद लोगों ने उन्हें टोका और चरित्र पर टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा। जनता वहां इन्हें पीटने की तैयारी में थी लेकिन मौके की नजाकत को समझते ही वकील वहां से खिसक लिए । 

 

 

निर्भया की वकील सीमा ने फांसी दिए जाने के बाद कहा, "मैं निर्भया गैंगरेप मामले के बाद से ही विरोध प्रदर्शनों में शामिल थी, आज मैं ख़ुश हूं कि मैं उन्हें इंसाफ़ दिला सकी"


लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी