स्कूल बंद हो गए है , कॉलेज बन्द ,कम्पनी बन्द लेकिन समझ नही आता कि कोरोना वायरस के असली जन्मदाता मांसाहार की दुकान कब बन्द होगी । महाकाल मंदिर बन्द कर दिया गया लेकिन रास्तों में लगी मांस की खुली दुकान अब तक बन्द नही की गई । लटकते मांस के टुकड़े देखकर भी प्रशासन आंख बंद करके चला जाता है पास से निकल कर भी अनदेखा किया जाता है । अनेक सामाजिक संस्था सालों से मांग उठा रही है जिनकी सुनने वाला कोई नही । वायरस के जनक देश चीन तक मे अब मांसाहार की विचित्र आदतों का विरोध हो रहा है । कोरोनावायरस फैलने के बाद एक बार फिर चीन के अखबारों में कई कॉलमनिस्ट ने विचित्र फूड हैबिट का विरोध करना शुरू कर दिया है, चीन में मांसाहार का प्रचलन विशेष तौर पर है, देश में खान-पान की अजीबोगरीब डिशेज में सुअर के दिमाग से लेकर जहरीले सांपों के सूप तक शामिल हैं, इसके अलावा मांस मंडियों में साफ-सफाई को लेकर भी कई बार सवाल खड़े किए जा चुके हैं, खाद्य सुरक्षा को लेकर चीन कई बार अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के निशाने पर आ चुका है, कोरानावायरस हो या फिर सार्स इन दोनों ही खतरनाक वायरस के पीछे चीन की विचित्र फूड हैबिट को कारण माना जा रहा है । दरअसल, चीन में कोरोना को लेकर सबसे पहले यही खबर आई थी कि ये वुहान के सी-फूड मार्केट से निकला है, ये प्रशासन का दावा है,हालांकि शोधकर्ताओं ने ये भी कहा है कि ये वायरस चीन में पहले से मौजूद था, लेकिन आम लोगों के बीच ये धारणा बनने में देर नहीं लगी कि कोरोना का संबंध जानवरों से है । अब कोरोना के बाद डरे हुए लोग मांसाहार से परहेज कर रहे हैं,हालांकि चीन में शाकाहार को लेकर लोगों के बीच उत्सुकता बीते कुछ सालों से तेजी से फैलना शुरू हुई, कोरोना के खतरे ने इसे और तेजी दे दी है, चीन के एक अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक देश में शाकाहार का प्रचलन नया नहीं है,इस रिपोर्ट के मुताबिक पुरातन चीनी ग्रंथों में शाकाहार का वर्णन हुआ है । अब चीन जैसे देश मे शाकाहार का प्रचलन बढ़ रहा है देखना यह है कि भारत मे कब मांसाहारी लोग पूर्ण रूप से शाकाहार को अपनाएंगे । उज्जैन जिले में सामूहिक एकत्रीकरण पर रोक है लेकिन अकेले उज्जैन में ही सुबह सुबह से अनेकों जिम ,ब्यूटी पार्लर , सबकी सब खुले है कोई देखने वाला नही कोई कार्यवाही करने वाला नही । इस समय धारा 144 को सख्ती से लागू करने की जरूरत है जिसके तहत पांच या पांच से अधिक लोग अब एक जगह जमा नहीं हो सकते हैं। साथ ही लोग भीड़ नहीं लगा सकते हैं। कॉलेज, कोचिंग, पार्क, सिनेमा घर आदि को पहले ही बंद कर दिया गया है, जबकि अनेकों मॉल अभी तक खुले हुए है । केंद्र सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर सभी मंत्रालयों से सरकारी इमारतों में थर्मल स्कैनर लगाने को कहा है। साथ ही कहा है कि कोविड-19 के मद्देनजर नियमित रूप से आगंतुकों के आने और अस्थायी पास जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाती है। मंत्रालयों से सरकारी कार्यालयों में आगंतुकों के प्रवेश को अधिकतम सीमा तक हतोत्साहित करने को कहा गया है। सरकारी इमारतों में स्थित सभी जिम, मनोरंजन केंद्रों, शिशु केंद्रों को बंद करने को कहा गया है। वही अनेकों लोग वाट्स एप पर शराब का प्रचार कर रहे है कि शराब पीने से यह वायरस ठीक हो जाता है । यह एक दम भ्रामक जानकारी है शराब के सेवन की भ्रांतियों को भी दूर करते हुए एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने न्यूज एजेंसियों को बताया कि “शराब पीने या न पीने से कोरोनावायरस के संक्रमण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह भ्रांति बिल्कुल गलत है कि अल्कोहल के सेवन से कोरोनावायरस नहीं होता है।” आगे उन्होंने कहाँ की सही तरीके से हाथ धोने पर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, “कहीं भी बाहर से आते ही हाथ अच्छी तरह साबुन से साफ किए जाने चाहिए।” आप सोचिए एक व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है अगर वो मयखाने में पहुंच गया तो कितने लोग एक साथ संक्रमित हो जायेगे । इस समय सभी प्रशासन को ऐसे सभी स्थान बन्द कर देना चाहिए जहां 5 से भी ज्यादा लोग एकत्र हो ऐसे सभी स्थानों पर पुलिस को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए ।
लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी