देश इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है । लेकिन इस जंग में ऐसे भी लोग शामिल है जो दैनिक मजदूरी करते है । या दैनिक छोटी दुकानों से अपनी जीविका चलाते है । या हाथ ठेला लगाकर दैनिक आय अर्जित करते है । या प्राइवेट सेक्टर में अल्प आय में काम करते है । अपने छोटे व्यापार के लिए ,अपने घर को बनाने के लिए यह आवश्यकता के अनुरूप रुपया उधार लेने के लिए बैंक ,छोटे समूह प्रदाता, लोन या फाइनेंस कम्पनी पर निर्भर होते है । कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते यह लोग मजबूर होकर घरों में तो है लेकिन कम्पनी वाले ,बैंक वाले डेली कलेक्शन वाले फोन कर करके इन मजबूर लोगो को डरा रहें है । जब इनका व्यापार ही ठप्प पड़ा है तो यह क़िस्त कैसे जमा करेंगे । ऐसे में सरकार को आगे आना चाहिए एवं कम से कम 2 माह के लिये पुरे देश को किस्तों से फ्री घोषित कर देना चाहिए । इस विषय पर लेख लिखने का मुझे सुझाव भी ऐसे ही एक मजबूर व्यक्ति ने दिया उसने मुझसे अपील की सर आप गरीबो के हित में सदा खड़े रहते है आपसे अपील है आप अभियान चलाकर हम गरीबो की आवाज बुलंद करें । हमारी आवाज को सरकार तक लेकर जाएं । मेने कहाँ सरकार मेरी मानेगी या न मानेगी यह तो में कह नही सकता लेकिन जी जान लगाकर आपके हित मे आवाज जरूर बुलंद करूँगा । वैसे देश की बैंक एस. बी.आय. ने एक बड़ी घोषणा की है देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रभावित हो रहे व्यापार के मद्देनजर आपातकालीन ऋण सुविधा की शुरुआत की है, ताकि ग्राहकों की नकदी की कमी को पूरा किया जा सके। एसबीआई ने शुक्रवार को परिपत्र जारी कर रहा कि कोविड-19 आपातकालीन ऋण सुविधा (सीईसीएल) नाम से अतिरिक्त नकदी सुविधा की शुरुआत की गई है, जिसके तहत 200 करोड़ रुपये तक की धनराशि मुहैया कराई जाएगी और यह सुविधा 30 जून 2020 तक उपलब्ध होगी। इसके तहत 12 महीने की अवधि के लिए 7.25 फीसदी की ब्याज दर पर कर्ज दिया जाएगा।यह स्कीम एक डिमांड लोन के रूप में लाई गई है। जिसकी अवधि एक साल के लिए होगी। यानी एक साल के बाद आपको पूरा रुपया चुकाना होगा। इस स्कीम के तहत छोटे और मझौले कारोबारियों को बडी राहत मिलने की उम्मीद दिखाई दे रही है। जिन कारोबारियों का 30 दिनों या मार्च 16 तक कोई ओवरड्यूज नहीं है और जिन कर्जदारों ने छोटे कारोबार के लिए लोन लिए हुए हैं वो भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।लेकिन यह ऋण जिस तबके की बात में कर रहा हूँ उस तबके को शायद ही दिया जाएगा । यह ऋण तो बैंक मैनेजर के दोस्त व्यापारियों को दिया जाएगा । ऐसे ही कदम यदि अन्य बैंक उठाये तो कुछ लोगों का भला तो होगा । मेरे लेख किसी ए. सी. चेम्बर में बैठकर नही लिखे जाते यह लेख में फील्ड की हालत पर लिखता हूँ जमीनी हकीकत पर लिखता हूँ । कल एक ठेले वाले गरीब व्यक्ति को शाम को मैने सड़क पर जाते देखा यह ठेला सब्जी का न होकर हरमाल 10 रु. का में छोटे-छोटे समान बेचने वाले का था । मेने सोचा यह अजीब है जब सबको घर मे रहने का कहां गया है और यह ठेला लेकर चल दिया मेने थोड़े कड़क लहजे में उससे पूछा क्या बात है आपको कोरोना का कोई डर नही ? उसने कहाँ साहब में यदि आज ठेला नही लगाता तो मेरे बच्चे शाम को भूखे रह जाते । मेने सोचा सच मे इस दिशा में तो किसी का ध्यान ही नही गया । मेने कहाँ अपने उज्जैन में तो लोग फ्री खाना बांट रहें है आप उनको फोन लगा लेते तो उसने लाचार होकर जवाब दिया ऐसा कोई नम्बर मेरे पास नही की फोन कर दो और खाना दे जाए । मेने कहाँ आप सोशल मीडिया पर एक्टिव नही हो क्या तो उसका जवाब था सहाब ये छोटा सा मोबाइल है मेरे पास । मेने उन्हें फिर एक समाज सेवक का नम्बर दिया और बताया कोई भी समस्या हो तो मुझे फोन करना । जैसे कुछ प्रदेश सरकारों ने गरीबो के हितों में अच्छे निर्णय लिए है वैसे ही निर्णय पुरे देश मे लागू किये जायें । योगी आदित्यनाथ ने संवेदन शीलता दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के 20 लाख मजदूरों, हाकरों और ई-रिक्शा चालकों को एक हजार रुपये की सहायता देने की अपनी घोषणा पर अमल शुरू कर दिया है ।
इसके अलावा गरीबों को राशन उपलब्ध कराने का भी फरमान जारी किया गया है । ऐसा नही केवल भाजपा की सरकार अच्छा काम कर रही है पंजाब की सरकार ने भी इस दिशा में अच्छा काम किया है कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप के कारण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन,रहने को जगह और दवाओं की व्यवस्था देने के आदेश दिए गए हैं। कैप्टन ने इस उद्देशय के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में से 20 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है। पुरे देश मे ऐसे निर्णय तत्काल लागू किये जाने चाहिए । केंद्र सरकार तत्काल सभी किस्तों को 2 माह तक के लिए जल्द से जल्द रोक लगाकर गरीबो को राहत दें ।
लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी