गरीबों का मसीहा लौट आया है :- भाग -1

मेरे लेख का शीर्षक पढ़कर आप समझ गए होंगे कि में बात किस जन नेता,जननायक की कर रहा हूँ । जो नही समझे होंगे वो इस बात से समझ जाएंगे कि यह बात मध्यप्रदेश के एक जन नेता की है । एक ऐसे नेता की जिसके बिना मध्यप्रदेश की जनता को लगता ही नही था कि हमारा कोई मुख्यमंत्री हैं । जिसने मुख्यमंत्री बनते ही फिर जनता की सेवा शुरू कर दी । शिवराज सिंह चौहान एक ऐसा नाम जो मध्यप्रदेश के लोगो मे परिवार के  मुखिया के तौर पर अपनी पहचान बना चुका है । राजनीति में जनता का अपने नेता के प्रति जुड़ाव की यदि आपको जीती जागती मिसाल देखना है तो आप मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को देख सकते है । जिनके मुख्यमंत्री न रहने पर जनता दुखी थी और जैसे ही पुनः मुख्यमंत्री बने जनता में खुशी की लहर थी । जनता कभी उन्हें चुनाव नही हरा सकती उनको चुनाव हराया था उनके मंत्रियों की हार ने उनको चुनाव हराया था विधायकों के कार्यो ने उन्हें चुनाव हराया था उनके खिलाफ गुट बनाकर काम करने वालों ने जनता कभी उन्हें चुनाव नही हरा सकती । में दावे के साथ कह सकता हूँ कि मध्यप्रदेश में यदि सबसे करीब से जनता ने किसी मुख्यमंत्री को देखा होगा तो वो नाम शिवराज सिंह चौहान का है । मुख्‍यमंत्री ने सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दो माह का एडवांस भुगतान करने और प्रदेश में प्रति मजदूर को 1000 रुपए की सहायता देने का ऐलान किया ।

शिवराज सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति और इससे प्रभावित वर्गों के लिए सहायता पैकेज देने का निर्णय लिया,प्रदेश के 46 लाख पेंशनर्स को 600 रु. प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत रुपए 275 करोड़ प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है,इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धा अवस्था पेंशन निराश्रित पेंशन इत्यादि का दो माह का एडवांस भुगतान किया जाएगा,इस तरह से लाभार्थी को 2 माह की पेंशन मिलेगी । मामा नाम से पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का काम करने का तरीका जनता को हमेशा पसन्द रहा है । ताम-झाम और शोशेबाजी के इस आधुनिक दौर में शिवराजसिंह की यह सादगी उन्हें औरों से अलग, बिलकुल अलग बनाती है। शिवराजसिंह की सादगी का आलम यह है कि वे गांव-देहात के दौरे के समय धूल भरी सडक़ में अपने लोगों के साथ बैठने में कोई हिचक नहीं करते हैं। उनका आम जनता से जुड़ाव ही है कि चौथी बार उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया । आप कहेंगे इसके पीछे क्या प्रमाण है इसके पीछे अभी 5 दिन पूर्व के सोशल मीडिया पोस्ट देखिए जनता सीएम के तौर पर उनका नाम लिखकर कह रही थी उनके सिवा कोई और मंजूर नही । बाबा महाकाल के परम भक्त होने के नाते हम उज्जैन वालो ने उन्हें बहुत करीब से कई बार देखा है बाबा की सवारी में वो सड़कों पर पैदल बिना जूते-चप्पल के चलते है और पूरी तल्लीनता से अपने भक्तिभाव से सवारी मार्ग में पुरे समय रहते है । सिहंस्थ में प्राकृतिक आपदा आने पर 24 घण्टे में दिन-रात में 2 बार वो उज्जैन आये ओर इतनी बड़ी आपदा को आसानी से सँभाल लिया । नेता नही तूफान है शिवराज सिंह चौहान है के नारे की गूंज ग्रामीण क्षेत्र में बहुत अधिक सुनाई देती है । फसलों पर ओले पड़े हो या प्राकृतिक आपदा ने जब-जब किसानों को परेशान किया वो सबसे पहले बिना मांगे किसानों के हक में खड़े रहें । इन 15 महीनों में शिवराज सिंह को सबक भी मिल गया होगा की कौन बुरे वक्त में साथ खड़ा था और कौन साथ नही खड़ा था । अधिकारी कभी सगा नही होता वो तो कुर्सी का गुलाम होता है आपके कार्यकर्ता और जनता ही सदा आपकी रहती है । भगवान ने केवल सबक के लिए यह 15 महीने उन्हें दिए थे ताकि आगे का सफर वो आसानी से और मजबूती के साथ पूरा कर सकें । कुछ लोग कहते थे पीएम मोदी उन्हें पसन्द नही करते इस कारण उन्हें पुनः मुख्यमंत्री नही बनाया जाएगा लेकिन इस बार उनके मुख्यमंत्री बनते ही यह सारे बेतुके कयास हमेशा के लिए खत्म हो गए ।

 

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क्रमशः 


लेखक - मिलिन्द्र त्रिपाठी