गरीबों का मसीहा लौट आया है :- भाग 2

क्रमशः  

आज मध्यप्रदेश में उम्मीदों का नाम कोई है तो वो शिवराज सिंह चौहान है, जिससे हर वर्ग को उम्मीद है । मामा कभी भी जातिवादी मानसिकता के नही रहें लेकिन कुछ विरोधियों ने उनकी छवि बना दी कि वो जातिवादी है । भारत मे किसी भी नेता को जिसे जनता बहुत पसंद करती हो यदि उसको मात देनी है तो जातिवाद का जहर बहुत काम आता है । उस पर जातिवाद का आरोप लगा दो उसके खिलाफ बहुत बड़ा वर्ग विरोध में आ जायेगा । सोचिए किसानों की सभा मे कोई भी नेता होगा वो किसानों की बात करेगा किसानो के हित की बात करेगा इसका यह मतलब नही वो बाकी वर्ग के खिलाफ है । ठीक उसी तरह आरक्षित समाज की सभा मे शिवराज सिंह चौहान ने उनके हित मे आवाज बुलंद कर दी इसका यह मतलब कतई नही था कि वो सामान्य वर्ग के खिलाफ है । देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्होंने सामान्य निर्धन परिवारों के बच्चों को छात्रवृत्ति दी थी । उनके पर्सनल स्टाफ में अधिकांश लोग सामान्य वर्ग से ही आते है । लेकिन एक बहुत बड़े विरोधी तबके ने उन्हें सामान्य वर्ग का विरोधी करार देकर उन्हें बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा दिया । लेकिन ईश्वर के घर देर है अंधेर नही उन्हें पुनः जनता की दुआओं से सीएम बनवा दिया । 

शिवराज सिंह चौहान वो नाम है जिसका जादू कभी फीका नही पड़ा । चौथी बार मुख्यमंत्री के तौर पर उनके ही नाम पर ही भाजपा ने चुनाव लड़ा था राजस्थान ,छतीसगढ़ के मुकाबले मध्यप्रदेश में भाजपा की स्थिति सत्ता के बेहद निकट थी और भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले वोट भी ज्यादा मिलें थे । यदि आज भी पूरे मध्यप्रदेश में एक सर्वे किया जाए कि मुख्यमंत्री के तौर पर आप किसे पसन्द करेंगे तो सबसे ज्यादा वोट आज भी शिवराज सिंह चौहान को मिलना तय है । 

शिवराज सिंह चौहान की वापसी पर उन मायूस चेहरों पर फीस मुस्कान लौटा दी है जो अभी तक परेशान थे । किसान कर्ज माफी के नाम पर ठगा महसूस कर रहा था । में किसी भी सरकार का विरोधी नही हूँ । मेरी लेखनी किसी सरकार के विरोध से ज्यादा सकारात्मक पक्ष पर केंद्रित होती है । कमलनाथ ने किसानों के लिए काम करने की सोची भी ओर थोड़े बहुत लोगो के कर्ज माफ भी किये लेकिन उससे ज्यादा वो किसानों का नुकसान कर गए अनेकों किसानों को उन्होंने डिफाल्टर बनने पर मजबूर कर दिया किसान सोचता रहा मेरा कर्ज माफ होगा आज नही तो कल होगा लेकिन इन 15 महीने के शासनकाल में 2 लाख का कर्ज माफ वाला मुझे तो कोई किसान नही मिला हां छोटे राशि के कर्ज माफी वाले यदा-कदा मिल भी गए । शिवराज सिंह चौहान एक किसान परिवार से आये है वो किसानों के दर्द को समझते है । कर्ज माफी किसानो के लिए पर्याप्त नही है । लेकिन यहां शिवराज सिंह चौहान को भी जश्न बनाने का मौका नही है । प्रदेश में अनेकों जगह तेज हवा के साथ बारिश हुई है और किसान परेशान है क्योंकि गेहूं की खड़ी फसल को काटने वाले मजदूर नही मिल रहे कोरोना के कारण हार्वेस्टर वाले पंजाब से बहुत कम आये है । मध्यप्रदेश में कही भी हार्वेस्टर को नही रोका जाना चाहिये। न ट्रेक्टर ट्रालियां को कही रोकना चाहिए । किसान घर पर रहते फसल कैसे कांटे ओर कांटे तो संग्रहित कहाँ करें क्योकि मंडियां पूरी तरह बन्द है । आज एक किसान ने बताया कि फसलों की दवा की दुकान बंद है । बेहद आवश्यक होने पर भी एक भी दवा दुकान नही खुली हुई है । सभी किसान परेशान होकर व्याकुल हो रहें है । देशहित में वो घर से बाहर नही निकल पा रहें लेकिन हमें उनकी चिंता करनी होगी । सोचिए इस महामारी के कारण सबसे पहले हम अन्न लेने दौड़े कोई फ्रिज कूलर मोबाइल लेने नही दौड़े फिर भी किसान की कभी चिंता नही की । किसान मंडी में फल ,सब्जी लेकर आ नही पा रहा है, गांव के ही बाहर रोड पर सब्जी बेचने को मजबूर हो रहें है, यहां कम कीमत में अपनी फसल बेचने को मजबूर है । क्योंकि किसान के पास फसलों को स्टोरेज करने की क्षमता नही है । बड़े किसानों की संख्या बहुत कम है जो सक्षम है लेकिन छोटे किसान बेहद परेशान है । इस समय किसानों को राहत देने की जरूरत है उनके खातों में सीधे पैसे पहुंचाने की जरूरत है चुकी बात हम शिवराज सिंह चौहान की कर रहें है यदि उनसे किसानों की मांग न करेंगे तो किससे करेंगे । 

 

 

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लेखक - मिलिन्द्र त्रिपाठी