बच्चों को मानसिक रोगी बनाने वाला सबसे बड़ा कारण कही आपके मोबाइल में तो नही है 

जी हां । हम लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते है यह आज के युग की जरूरत भी है । इसका उपयोग गलत भी नही लेकिन लत लग जाना गलत है । अधिकांश पालक यह नही देखते की बच्चे मोबाइल में क्या चला रहे है । फिर एक दिन बच्चा जब मानसिक रोगी हो जाता है तब परेशान होकर घूमते है । कई पालकों ने अपने बच्चो को महंगे फोन दिला रखे है यह उनके लिए स्टेटस सिंबल है इससे हमें कोई परेशानी नही इससे नुकसान आपका ही है । बच्चे पढ़ाई में कमजोर हो जाते है और फिर रिजल्ट बिगड़ने के डर से सुसाइड कर लेते है आप बाद में मोबाइल को कोसते है । लेकिन बात हो रही है मोबाइल से भी ज्यादा खतरनाक एक गेम की जिसका नाम है पब्जी । आजकल के बच्चे इसके दीवाने है कई जगह बड़े भी दिन - रात इसे खेलते है । ऐसा लगता है जैसे खेलो इंडिया के तहत इसे अनिवार्य किया गया हो । आप किसी दुकानदार के पास जाएंगे हो सकता है वो भी मोबाइल में यह गेम खेल रहा हो और आपको कह दें यह समान मेरी दुकान पर नही है । इस गेम में बच्चे की मानसिकता में प्रभाव पड़ता है, बच्चे खेल के आदतन हो जाते हैं। यह गेम फाइट वाला गेम होता है। इस खेल में बच्चे चिड़चिड़ापन और आक्रमक हो जाते हैं जिससे मानसिक बदलाव हो जाते हैं और बच्चे उसे अपने साधारण जीवन में उतारते है। बच्चे के पेरेंट्स को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

इस गेम को बच्चे विशेष रूचि और लगन से खेलते हैं। इस दरमियान अगर उसके मोबाइल में किसी का फोन भी आता हैं तो वह फोन कट आउट कर देते हैं। अगर गेम खेलने के दौरान अपने कनेक्ट हुए दोस्तों से बात करना होता हैं तो वायस काल में ही बात करते है। खिलाड़ी बताते हैं कि इस गेम में 100 लोग एक प्लेन में उतरते हैं और जो भी सबसे आखिर में बचता है वह जीत गया, उसे चिकन डिनर मिलता है। इस गेम को बच्चे अपने दोस्तों के साथ खेलकर दोस्तों से बातचीत करते हैं। 

केवल जगह के अभाव में कुछ ही ऐसे मामलों से आपको अवगत कर रहा हूँ । मेरे पास ऐसे अनेकों मामले है । जिन्हें लिखा जाए तो लेख बहुत बड़ा हो जायेगा  । अब आती है बात इसके कारण जान देने वाले गेमर की या मानसिक रोगी हुए गेमर की जरा गौर कीजिए :- 

★मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) के 10वीं क्लास के एक छात्र ने पब्‍जी गेम (Pubg Game) के चलते फांसी लगाकर जान देने का मामला सामने आया है, आशंका है कि छात्र ने एग्जाम के पहले पब्‍जी गेम खेला और फिर अगले दिन सुबह फांसी पर झूल गया, जानकारी के मुताबिक यह घटना ग्वालियर के हजीरा थाने की है, यहां रहने वाले सुमित गुर्जर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली, मृत छात्र का मंगलवार को पहला पेपर था ।

★मैं हाइड्रा डायनेमो हूं, कितने चाहिए... 40 करोड़, मेरा मोबाइल दो एक मिनट में पैसे आ जाएंगे...।'

यह एक बच्चे के पुलिस थाने पर संवाद है जिसे पब्जी ने पागल कर दिया । गेम के चक्कर में उसने अपना मानसिक संतुलन बिगाड़ लिया है। नम आंखों से माता-पिता ने कहा कि मोबाइल पर गेम खेलने के चक्कर में उनका बेटा पांच से छह दिनों तक सोया नहीं है। बताया जाता है कि मंगलवार को जूते-चप्पल पहने बगैर छात्र कॉलेज पहुंच गया और वहां भी पागलों जैसी हरकतें करने लगा।

★बिहार के बक्सर में एक युवक को पब्जी (PUBG) गेम खेलने का ऐसा नशा चढ़ा कि घरवालों को रस्सी से उसके हाथ पैर बांधकर उसे अस्पताल पहुंचाना पड़ा, युवक के पिता ने बताया कि उनका लड़का पब्जी गेम खेलने के कारण मानसिक रूप से बीमार हो गया।

★पब्जी गेम खेलने की लत ने छत्तीसगढ़ के कोरबा निवासी एक बच्चे को हावालात पहुंचा दिया ।

मुताबिक पब्जी गेम की लत ने एक 9वीं कक्षा के छात्र को मोबाइल फोन चोरी करने को मजबूर कर दिया, पब्जी गेम के चक्कर में मोहल्ले के ही एक घर से दो मोबाइल फोन की चोरी बच्चे ने की, पुलिस से शिकायत के बाद मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर मोबाइल नाबालिग के पास मिला, पुलिस की पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि पब्जी गेम के चक्कर मे मोबाइल की चोरी की है ।

★इयर फोन लगाकर रेल पटरी के पास पब्जी गेम खेल रहे दोनों किशोरों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई है। झारखंड मिदनापुर जिले के रामनगर थाना क्षेत्र के दीघा-तमलुक रेल खंड के पास बुधवार को यह दर्दनाक घटना सामने आई। पुलिस ने बताया कि मृतकों के नाम अपूर्व दास व सुब्रत पात्र है। दोनों की उम्र 18 से 20 साल के अन्दर है।

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लेखन और संकलन - मिलिन्द्र त्रिपाठी