दिल्ली में हुई हिंसा के बाद देश के गृहमंत्री ने कल अपने भाषण एक - एक शब्द कहाँ उसे सुनकर देश से प्यार करने वालो का ह्रदय उनके प्रति गर्व से भर गया । गृहमंत्री किसी भी पार्टी से आते हो लेकिन उनके काम के अंदाज को पूरा देश मानता है । दंगो पर करारी चोट के लिए 2 नाम लेना बहुत जरूरी है एक अमित शाह और दूसरा योगी आदित्यनाथ इन दो ने एक नई तकनीक से दंगाइयों को सबक सिखाया है, जिसका हर भारतीय कायल है । यह दोनो सिर्फ दंगाई को पकड़ते नही है बल्कि यह उन पर ऐसी कार्यवाही करते है कि दंगे करने वाले 100 बार सोचने पर मजबूर हो जाये । दिल्ली हिंसा के दौरान अनेकों आपराधिक लोगो के मोबाइल सर्विलांस पर डाले गए जिसकी भनक किसी को नही थी । अब यह आपराधिक लोग पकड़े जा रहे है । आईबी अफसर अमित कुमार को चाकू मारने वाला सलमान भी इसी तरीके से पुलिस गिरफ्त में आ गया । इन पकड़े गए 1100 लोगो की संपत्ति जब्त होनी चाहिए जैसी कार्यवाही यूपी में हुई उसके बाद कोई दंगा करने वाला वहां सामने नही आया ओर तो और दंगाइयों ने अपनी दाढ़ी मुछ कटा ली लेकिन उन्हें क्या पता था कि मोदी सरकार तो उन्हें हेलमेट ओर गमछे के अंदर से भी पहचान रही है । एक दिन होटल में रुकने पर आईडी बिना रूम नही मिलता लेकिन इन्हें बिना दस्तावेज के
देश मे रहने का अधिकार चाहिए । जबकि सरकार ने इन्हें 100 बार समझा दिया कि हम नागरिकता दे रहें है नागरिकता छीन नही रहें पर अल्पबुद्धि लोगो की समझ मे कुछ आ नही रहा । गृह मंत्री ने दिल्ली हिंसा पर अहम खुलासा करते हुए कहा कि इस तकनीकी जांच से पता चला है कि तीन सौ से ज्यादा लोग यूपी से दिल्ली में हिंसा करने के लिए आए थे, उनका डाटा मंगाने पर इसका खुलासा हुआ है कि हिंसा के पीछे गहरी साजिश रची गई थी । शाह ने कहा, 'इस सॉफ्टवेयर के अंदर 1100 से ज्यादा आधार, ड्राइविंग लाइसेंस समेत और सरकारी दस्तावेजों को डाटा डाला गया है, इसमें 1100 से ज्यादा लोगों की पहचान की जा चुकी है । गृह मंत्री ने सरकार की ओर से हिंसा रोकने के प्रयासों और पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी सदन के पटल पर रखी, उन्होंने कहा कि फेस आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर के जरिए 1100 से ज्यादा लोगों की पहचान की गई है जो हिंसा फैलाने में लिप्त थे । अमित शाह ने कहा - फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर के माध्यम से हमने 1100 से ज्यादा लोगों का फेस आइडेंटिफाई किया है, उनकी पहचान कर ली गई है, इनको अरेस्ट करने के लिए 40 टीमें बनाई गई हैं, जो दिन-रात लगी हुई हैं, मैं सदन के माध्यम से दिल्ली और देश की जनता को कहना चाहता हूं कि जिन्होंने भी दंगा करने की हिमाकत की है, वो लोग कानून की गिरफ्त से इधर-उधर एक इंच भी भाग नहीं पाएंगे, अमित शाह ने कहा कि हिंसा के दोषियों को पकड़ने का पूरा इंतजाम किया गया है, उन्होंने बताया कि 27 फरवरी से अब तक 700 से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी हैं ।यही नहीं दंगों में हथियारों का भरपूर इस्तेमाल किया गया, अब तक पुलिस 152 पिस्टल/देशी कट्टे बरामद कर चुकी है।फोरेंसिक के तहत इन हथियारों से लगभग डेढ़ हजार से ज्यादा गोलियां चली थीं, जिनमें से मारे गए 52 लोगों में 28 लोगों की गोली लगने से मौत हुई थी और करीब 112 लोग गोली लगने से भी घायल हुए हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके अलावा दंगे से पहले यानि की 24 तारिख की सुबह से 25 फरवरी की रात तक 60 सोशल एकाउंट खोले गए थे और उनके जरिए कई भड़काऊ वीडियो को वायरल कर हिंसा फैलाया गया था, जिनमें से दिल्ली पुलिस अब तक 25 एकाउंट की जानकारी ले चुकी है। हालांकि, इनमें से अधिकांश अकाउंट 26 की रात को बंद हो गए, जिसके चलते उन्हें भी ट्रेस करने का काम दिल्ली पुलिस कर रही है।दिल्ली की आबादी 1.70 करोड़ है, जहां दंगा हुआ वहां की आबादी 20 लाख है, 20 लाख लोगों के बीच दंगा हुआ और इसे पूरी दिल्ली में नहीं फैलने देने में दिल्ली पुलिस ने अहम भूमिका निभाई, दिल्ली पुलिस ने सही तरीके से काम किया, इसके लिए शाह ने दिल्ली पुलिस की प्रशंसा की, 24 फरवरी 2020 को दो बजे के आसपास हिंसा की पहली सूचना मिली, 25 फरवरी को 11 बजे आखिरी सूचना मिली, दिल्ली में 36 घंटे तक दंगे हुए, पुलिस ने 36 घंटे में दंगे पर काबू पाया । बिना नाम लिए सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि एक पार्टी के अध्यक्ष ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नफरत वाला बयान दिया, उनके बयान के बाद दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ, 14 दिसंबर की रैली में एक पार्टी के अध्यक्ष ने लोगों से कहा कि घरों से बाहर निकलो और फिर शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ । अमित शाह ने लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर ना धर्म देखता है और ना कपड़े वो सिर्फ चेहरा देखता है और लोगों की पहचान करता है, इसलिए किसी एक समुदाय को निशाना बनाने की बात बिल्कुल गलत है।