★ठगरूपी मजदूरों को फांसी की सजा की उठ रही मांग ।
★पुलिस के सामने लोग डंडे ,पत्थर ,लात ,से बुरी तरह मारते रहें किसानों को।
★देश भर से उठी कठोर कार्यवाही की मांग।
मध्यप्रदेश में मॉब लिंचिग की एक दिल दहला देने वाली घटना हुई । जिसने भी वीडियो देखा ,खबर सुनी सोच में पड़ गया कि वीडियो में दिखने वाले लोग इंसान थे या जानवर ? बिना सोचे समझे एक के देखा-देखी इतने लोग बारी-बारी से किसानों को मार रहें थे, कि उन्हें जैसे किसी भी हाल में किसानों को मौत ही देनी हो ।
इंदौर से लगे धार जिले के बोरलाई में बच्चा चोरी की 'अफवाह' फैलने के बाद भीड़ ने एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला और 5 लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया । सभी घायलों का इलाज इंदौर के एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है । इस घटना ने पूरे देश में एक नया सवाल खड़ा कर दिया है । मॉब लिंचिग पर सख्त से सख्त कानून बनाने की मांग उठने लगी है । पुलिस मामले की जांच में जुट गई है,शुरुआती जांच में 3 लोगों के नाम सामने आए हैं जबकि 12-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है । वैसे इस घटना पर वीडियो में दिख रहे ऐसे लोग जो किसानो को मार रहे उन सभी पर कठोर कानून में केस दर्ज होना चाहिए ।
घटना की मुख्य वजह:-
उज्जैन के कुछ किसानों ने मजदूरों को काम के लिए पैसे दिए थे,मजदूरों ने पैसे तो ले लिए लेकिन काम पर नहीं आए, उन्हें पैसा देने वाले किसान जब पैसे वापस लेने उनके गांव बोरलाई पहुंचे तो कुछ मजदूरों ने उन पर बच्चा चोरी का आरोप लगाकर उन्हें पीटना शुरू कर दिया,मामले में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक देखते-देखते गांव के दूसरे लोग भी वहां जमा हो गए और किसानों को लाठी, डंडों और पत्थरों से पीटने लगे. गांव वालों ने किसानों की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया,गाड़ियों को आग लगा दी गयी । इसमें वो मजदूर मुख्य षड्यंत्रकर्ता नजर आ रहे है,जो किसानों के पैसे खा गए थे । उन्होंने पैसे वापस न करना पड़े इस लिए यह षड्यंत्र रचा है । इस लिए किसान की मौत के कसुरवार यही मजदूर रूपी ठग है ।
हमें देखते ही लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे- बच्चा चोर हैं, मार डालो।
पीड़ित नरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा ठग रूपी मजदूरों द्वारा हमारे पैसे खा जाने की उज्जैन और तिरला थाना पर रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी। बाद में मजदूरों का फोन आया कि आप खड़किया आ जाओ, यही अपना हिसाब कर लेंगे। हम 6 लोग दो गाड़ी लेकर बुधवार को तिरला थाने पर पहुंचे। उन्हें बताया कि खड़किया के लोगों से पैसा लेना है और वे उन्हें बुला रहे हैं,वहीं जैसे ही हमारी गाड़ियां गांव में घुसीं लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। हम गाड़ी घुमाकर भागे। कुछ दूर ही चले थे कि भीड़ ने घेर लिया। लोग चिल्ला रहे थे कि बच्चा चोर आ गए। मारो.. जिंदा मत छोड़ना। भीड़ ने हमें बाहर निकाला और लोग बुरी तरह पीटने लगे।
पुलिस व्यवस्था में सुधार आखिर कब होगा ? -
सूचना पर सिर्फ तीन पुलिसकर्मी पहुंचे, जबकि भीड़ हजारों से ज्यादा थी । घटना के वक्त लोग पुलिस को सूचना देते रहे, लेकिन सूचना के बाद केवल तीन पुलिसकर्मी ही पहुंचे। वो भी 20 मिनट के रास्ते को 1 घण्टे में पार करके आराम से । जबकि 1000 से ज्यादा भीड़ थी, जो गांव के ग्रामीणों के साथ पुलिस की भी नहीं सुन रही थी। भीड़ ने पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की की।फिर भी एक भी पुलिस ने अपनी शक्ति का प्रयोग नही किया अपनी कमर में कसी रिवाल्वर तक नही निकाली।
गांव के ग्रामीणों का पक्ष:- गांव के ग्रामीणों ने घटना के पीछे एक कहानी यह भी बता रहे हैं कि जो लोग सांवेर से आए थे, वे इस क्षेत्र के एक किशोर को कार में साथ लेकर आए थे। जो सांवेर में मजदूरी करने गया था। ताकि क्षेत्र में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं न हो, लेकिन उसे कार में बैठा देखकर गांव वालों ने कार सवारों को बच्चा चोर समझ लिया और षड्यंत्र पूर्वक फैलाई गई अफवाह को सही मान लिया गया । इस पक्ष को सुनकर पैसे खाने वाले ठग रूपी मजदूरों का षड्यंत्र साफ दिखाई देता है । ऐसे ठगों को फांसी की सजा देनी चाहिए ।