रोती बिलखती माँ का दर्द किसी को दिखाई क्यो नही दे रहा

जजो के सामने हाथ फैलाकर अपनी बेटी के इंसाफ के लिए 7 सालों से एक माँ दर - दर की ठोकरे खा रही है । उसे मिल रही है, सिर्फ तारीख पर तारीख । हैवान दरिंदो का वकील अभी उज्जैन आया था हिम्मत देखिए प्रेसवार्ता करके बोलकर गया कि फांसी अनिश्चितकाल के लिए बड़ा दी गयी है । इतना बड़ा केस जिससे पुरे भारत की जनता परिचित है, यदि उसमे इतना समय लग रहा है, तो विचार कीजिये बलात्कार के पेंडिंग चल रहे लाखो केस में क्या होता होगा ? कुल 6 आरोपी में से एक ने सुसाइड कर लिया था एक जिसने सबसे बड़ी दरिंदगी की थी जिसने रॉड से उस मासूम बेटी के साथ हैवानियत की थी उसे 10 हजार रुपये ओर सिलाई मशीन उपहार में देकर पहले ही छोड़ चुके है । अब बचे ये 4 दरिंदे जो रोज नया बहाना बना रहे है । एक दरिंदे विनय ने कोर्ट में नया हथकंडा अपना लिया उसने कहाँ में मानसिक रूप से बीमार हूँ मुझे उम्रकैद दीजिये । जेल में मुझे दिमाग की बीमारी हो गयी है । सोचने वाली बात है कि हिंदी फिल्मों में जो दिखाया जाता है, यह अपराधी वैसे ही षड्यंत्र रच रहें है और बड़ा सवाल उठता है कि सबको अपराधियों के अधिकार की चिंता है, उस मासूम बच्ची की जिंदगी छीनने वाले आज भी जिंदा है यह कैसा न्याय है ? कब तक अपराधी न्याय का बलात्कार करेंगे ? यह देश की संसद इतने बड़े मुद्दे पर चुप क्यों है ? मोदी जी आपने कानून बनाया था कि बेटियों के साथ गलत करने वालों को फांसी दी जाएगी । उस कानून के तहत कितने लोगों को आज तक फांसी दी गयी है ? कृपया नाम और संख्या कोई तो बताओ ? सबकी - सब खामोश है ? कुछ लोग कहते फिर रहे है- यह चुनावी मुद्दा था चुनाव खत्म मुद्दा खत्म । कैसी घृणित सोच विकृत सोच के लोग है, जो ऐसा बोलने की हिम्मत जुटा रहें है ।

 

आज अदालत में जो हुआ उस पर गौर कीजिए :- 

अदालत में दरिंदे पवन गुप्ता ने कहा कि उसके पास कोई वकील नहीं है, इस पर अदालत ने उसे कानूनी मदद देने की पेशकश की। दोषी को सहायता देने की बात पर निर्भया की मां ने कोर्ट में कहा- मामले को 7 साल हो चुके हैं। मैं भी इंसान हूं, मेरे अधिकारों का क्या होगा? मैं आपके सामने हाथ जोड़ती हूं, कृपया डेथ वॉरंट जारी कर दीजिए। इसके बाद निर्भया की मां कोर्ट में रो पड़ीं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। सोचिए दरिंदो को हर तरह की मदद मिलने का प्रावधान तो है लेकिन 7 साल पहले नोचि गयी बेटी को जल्द इंसाफ देने का कोई प्रावधान नही है । क्या एक रोती बिलखती माँ भी किसी को दिखाई नही दे रही है ।आज सुनवाई जब आगे के लिये टाल दी गयी तो  निर्भया की मां कोर्ट रूम से बाहर जाते हुए बोलीं, “अब मेरा भरोसा और उम्मीद टूट रही है। अदालत को दोषियों की तरफ से देर करने की रणनीति समझनी चाहिए। अगर अब दोषी पवन को नया वकील दिया जाएगा, तो केस की फाइलें देखने और समझने में उसे समय लगेगा।” उन्होंने कहा- “मैं अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रही हूं। दोषी सजा में देरी की तरकीबें अपना रहे हैं। मैं नहीं जानती कि अदालत यह बात क्यों नहीं समझ रही।” यही बात देश समझना चाहता है, क्या न्याय के मंदिर में संवेदना कोई महत्व नही रखती ? क्या न्याय की तलाश में लोगो की जिंदगी नरक होती जा रही है । 

 

 

यह तारीख पर तारीख के कानून की जगह दूसरे देशों से कम से कम वहां के कानून की नकल ही कर लो :-

 

★इराक- पत्‍थरों से मार-मार कर हत्‍या :- 

इराक में बलात्कार करने वालों को मौत की सजा दी जाती है, लेकिन सजा देने का तरीका थोड़ा अलग होता है। रेप के गुनाहार को तब तक पत्थर मारे जाते हैं, जब तक की वो मर ना जाए। बलात्कार जैसे जुर्म करने वालों की मौत आसान नहीं होती है, क्योंकि गुनाहगार बहुत ही पीड़ा और यातना से भी गुजरना पड़ता है। इसका उद्देश्‍य ये ही हैं - कि दूसरे लोग इस जघन्‍य अपराध करने के बारे में सोचने से भी डरे।

 

 

★उत्तर कोरिया:- बलात्कारी के सिर में मार दी जाती है, गोली

उत्तर कोरिया के बारे में तो सब जानते ही होंगे कि यह देश कितना सख्त है। यहां दुष्कर्म के लिए केवल मौत की सजा मुकर्रर है। यहां बलात्कारी के सिर में सरेआम गोलियां दागी जाती हैं।

★चीन- मेडिकल जांच की पुष्टि के बाद सीधे मौत की सजा

चीन उन चुनिंदा देशों में शामिल है जहां रेप के विशेष मामले में मौत की सजा का प्रावधान है। यहां पर अब तक रेप की सजा में कई लोगों को मौत के घाट उतारा भी जा चुका है। चीन में इस जुर्म की सजा जल्द से जल्‍द दे दी जाती है। साफ शब्‍दों में कहें तो नो ट्रायल, मेडिकल जांच में प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड। चीन में दुष्कर्मियों को सीधे मौत की सजा देने का कानून है। कुछ गंभीर दुष्कर्म के मामलों में दोषियों के जननांगों को काट दिया जाता है।

 

★सऊदी अरब:- काट दिया जाता है प्राइवेट पार्ट।

 

सऊदी अरब में इस्लामिक कानून शरिया को मान्यता दी गई है। इस देश में किसी भी अपराध के लिए मौत की सजा का ही प्रावधान है। सिर तो सरेआम उसका सिर चौराहे पर कलम कर दिया जाता है। अगर कोई भी शख्स रेप का दोषी पाया जाता है, तो अपराधी को फांसी पर टांगने, उसके यौनांगों को काटने की सजा सुनाई जा सकती है।

 

★ईरान:-फांसी की सजा

पश्चिमी देश ईरान में दुष्कर्म के दोषियों को फांसी दी जाती है। कभी-कभी दोषी पीड़िता की अनुमति से मृत्युदंड से बच जाते हैं, लेकिन उसकी आजीवन कारावास की सजा बरकरार रहती है।

 

★मलेशिया:- 30 वर्ष का कारावास के साथ पड़ते है कोडे़

मलेशिया में सबसे ज्यादा समय की सजा का प्रवाधान है। यहां बलात्कारी को न सिर्फ 30 वर्ष का कारावास बल्कि इसके साथ कोडे़ मारना भी सजा में शामिल है।

 

★यूएई:-एक हफ्ते के अंदर दी जाती है फांसी संयुक्त अरब अमीरत में कई जुर्मों के लिए कुछ अलग-अलग सजाएं हैं, लेकिन बलात्कारी को सीधे मौत की सजा सुनाई जाती है। संयुक्त अरब अमीरात में दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर बहुत तेजी से न्याय दिया जाता है। यूएई के कानून के मुताबित यदि किसी ने सेक्स से जुड़ा अपराध किया है तो उसे सात दिनों के अंदर ही फांसी दे दी जाती है।

 

★अफगानिस्तान:-चार दिन में फांसी की सजा।

 

पीड़िता को चार दिन में न्याय दिलाने के लिए दोषी को फांसी पर लटका दिया जाता है।

 

★पोलैंड: सुअरों से कटवाकर मौत की सजा।

 

पोलैंड में बलात्‍कार के आरोपी को सुअरों से कटवाया जाता है। हालांकि अब एक नया कानून आ चुका है जिसमें आरोपी को नपुंसक बना दिया जाता है। यहां दुष्कर्मी को सार्वजनिक स्थानों पर फांसी दी जाती है ताकि लोग इस जघन्य अपराध के परिणाम से सबक सीख सकें और भविष्य में ऐसी गलती न करें।

 

★इंडोनेशिया:-डाल दिए जाते हैं महिला के हॉर्मोन्‍स।

इंडोनेशिया में बलात्कार करने वालों की भी अलग ही सजा है। यहां बलात्‍कार के आरोपियों को नपुंसक बनाने के साथ ही साथ उनमें महिलाओं के हॉर्मोन्‍स डाल दिए जाते हैं।

 

(अलग अलग देशों के कानून की जानकारी वन इंडिया के सन्दर्भ से )