क्या आप Tiktok चलाते है, तो सावधान हो जाओ


★Tiktok चीन का ऐसा साफ्टवेयर है जो आपके मोबाइल की जासूसी करता है । 
★कई देशों ने इसे बैन कर रखा है । 
★भारत मे 20 करोड़ बार डाउनलोड किया गया एप । 
★भारत सरकार की सख्ती के कारण 60 लाख अश्लील वीडियो हटाये टिकटाक ने। 



में टिक टाक का विरोधी नही सिर्फ आपसे अनुरोध है आप इसे अपने ऐसे मोबाइल में चलाए जिसमे आपका कोई डाटा नही हो या जिसमे आपका पर्सनल कोई डाटा नही हो । आखिर में ऐसा क्यो कह रहा हूँ तो आगे लेख में इसकी विस्तृत जानकारी है । 
इस वक्त युवाओं के बीच स्माल वीडियो एडिटिंग एप टिकटाक बहुत लोकप्रिय हो रहा है । लोकप्रिय होने के लिए ही कोई एप बनाई जाती है । लेकिन चीन से यदि कोई एप बनी है तो जरूरी नही वो केवल लोकप्रिय होने के लिए बनी हो । चीन दुनिया मे अपनी बादशाहत कायम करना चाहता है अगले युद्ध के क्षेत्र सायबर हमले होंगे इसे चीन ने समझ लिया है । Tik Tok को लेकर भारत में कई बार बवाल हो चुके हैं, कुछ समय के लिए इस चीनी ऐप को भारत में प्रतिबंधित भी किया गया था । गूगल प्ले स्टोर ने भी इसे हटाया था । 
अमेरिकी सोशल डिस्कशन वेबसाइट Reditt के को-फाउंडर ,सीईओ तकनीकी विशेषज्ञ स्टीव हफमैन ने TikTok ऐप को पैरासाइट जैसा बताया है, टेक क्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक को स्पाई वेयर तक कह दिया है, Spyware यानी वैसे ऐप्स जो लोगों की जासूसी करते हैं । यह आपके मोबाइल में आपकीं सारी फोटो ,वाट्सएप मेसेज ,टेक्स मेसेज ,मोबाइल नम्बर सीधा-सीधा कहा जाए तो हर एक डाटा तक इसकी पहुंच होती है । अब इतनी बड़ी कम्पनी का तकनीक विशेषज्ञ यदि यह बात कर रहा है तो उसके पीछे गहरी रिसर्च तो होगी ही । चीन का सबसे बड़ा दुश्मन आज की तारीख में भारत ही है लेकिन भारतीयों को लगता है चीन का दुश्मन अमेरिका है पाकिस्तान को यदि सब दूर से कोई बचा रहा है तो वो है चीन लेकिन में लेख में यदि कहूंगा आप चीन के समान का बहिष्कार करो तो आप मानेंगे इसकी ग्यारंटी नही इस लिए मेने अपनी बात रखने के लिए विदेशी जानकारों की कही बात को इस्तेमाल किया है । क्योकि विदेशियों का कहा मानना अपने यहां का आज भी चलन है । Reditt CEO Steve Huffman ने Tik Tok के बारे में कहा है, 'मुझे ये ऐप पैरासाइट जैसा लगता है जो हमेशा आपको सुनता है और जो फिंगरप्रिंटिंग टेक्नॉलजी वो यूज करते हैं तो वो डराने वाला है,मैं इस तरह के ऐप को अपने फोन में इंस्टॉल नहीं कर सकता हूं'।
रेडिट के सीईओ ने कहा कि जब भी लोग Tik Tok के बारे में बातें करते हैं वो उनसे इस स्पाईवेयर को अपने फोन में इंस्टॉल करने से मना कर देते हैं । इस ऐप का विवादों से पुराना नाता है । टिक टॉक की पेरेंट कंपनी बाइट डांस है और इसके तहत कई ऐप्स आते हैं,ये चीन की कंपनी है और न्यूज रीडिंग ऐप की वजह से इसकी शुरुआती कमाई हुई, लेकिन टिक  टॉक के बाद से ये ज्यादा पॉपुलर हुई है इन्वेस्टर्स ने इसमें निवेश करना शुरू किया और इसकी वैल्यू 75 बिलियन डॉलर की हो घई । 
Tik Tok भारत में दुसरे देशों के मुकाबले ज्यादा पॉपुलर है,गौरतलब है कि दुनिया भर में TikTok ऐप को 104.7 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है, भारत की करें तो पूरे डाउनलोड का 34.1% सिर्फ भारत में डाउनलोड किया गया है ।आपको जानकर हैरानी होगी की 'टिक-टॉक' इस्तेमाल करने वालों में बड़ी संख्या गांवों और छोटे शहरों में रहने वाले लोगों की है। वहीं, इसका सबसे ज्यादा क्रेज 7 से 8 साल की उम्र के बच्चों में है लेकिन अमेरिका टिक टाक को लेकर अलर्ट है । अमेरिकी सेना के शॉर्ट वीडियो एप टिक टॉक (Tik Tok) एप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक एप से साइबर अटैक का खतरा है और इसके जरिए देश की जनता और सेना की जासूसी हो सकती है। 2016 में 'टिक-टॉक' लॉन्च किया था। साल 2018 में 'टिक-टॉक' की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी और अक्टूबर 2018 में ये अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन गया। अमेरिका में टिक टॉक पर 40 करोड़ का जुर्माना भी लग चुका है । 



भारत के मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि टिकटॉक (TikTok App) ऐप्प पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा देता है और बच्चों को यौन हिंसक बना रहा है । बता दें कि टिकटॉक (TikTok) पर अश्लील सामग्री परोसने का आरोप याचिकाकर्ता द्वारा लगाया गया था ।न्यूज ऐप के एक सर्वेक्षण के अनुसार देश के 80 प्रतिशत युवा विवादित चीनी वीडियो ऐप्प टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं । लोगों का मानना है कि इससे अश्लीलता बढ़ रही है । सर्वेक्षण में 18 से 35 आयुवर्ग के करीब 30 हजार लोगों से पूछा गया कि क्या वे चाहते हैं कि भारत में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगना चाहिए? इसके जवाब में अस्सी फीसदी प्रतिभागियों ने 'हां' में और 20 प्रतिशत लोगों ने 'नहीं' में जवाब दिया । 


भारत मे इस एप से कुछ मौते भी हो चुकी है :- 


★टिक टॉक से पहली मौत 17 अक्टूबर 2018:चेन्नई के एक 24 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर महिला पोशाक में खुद के वीडियो पोस्ट करने और टिक टॉक यूजर द्वारा उत्पीड़न के बाद आत्महत्या कर ली।


★22 फरवरी 2019: बाइक सवार स्कूली छात्रों के द्वारा टिक टॉक से वीडियो बनाने के दौरान एक की मौत हो गई जबकि दो और युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। इन युवकों की बाइक एक ट्रक से टकराने के बाद हादसा हुआ था।


★13 अप्रैल 2019: दिल्ली के एक 19 वर्षीय व्यक्ति की उसके दोस्त ने एक कार की सवारी में एक टिक टॉक वीडियो बनाने के दौरान गलती से गोली मार दी। जिसके बाद उस शख्स की मौत हो गई थी।



★ हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा टिक टाक से सवाल किया गया था कि 
सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल करने के लिये बच्चों की न्यूनतम आयु 13 साल क्यों रखी गई है ? जबकि भारत में 18 साल से कम आयु वाले को बालक माना गया है। 



(लेखन एवं संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी)