एक्जिट पोल पर बवाल


कल दिल्ली विधानसभा के एक्जिट पोल आ गए । रिजल्ट के पहले एक्जिट पोल का देशभर को इंतजार था । परंतु एक्जिट पोल आते ही फिर वही हुआ जो हर बार होता है । एक्जिट पोल में हारने वाला दल एक्जिट पोल को गलत बताने लगता है ओर जितने वाला दल एक्जिट पोल की तारीफ करने लगता है । विगत वर्षों में भारत के मीडिया जगत ने बहुत तरक्की की है । हमारा मीडिया जगत परिपक्व हो गया है । 2014 लोकसभा चुनाव में बाद से भारतीय मीडिया के कोई भी एक्जिट पोल फेल नही हुए है अपवाद स्वरूप एक या 2 एक्जिट पोल अपने दावे के इर्द - गिर्द न पहुंच पाए हो । आश्चर्य है कि हमारा देश जिसके चुनाव बाद आंकलन में पहले बहुत बड़ा अंतर होता था , लेकिन अब वह अंतर बहुत कम होता जा रहा है । जो कि सुखद भविष्य का बहुत अच्छा संकेत माना जा रहा है । नतीजों का ऐलान 11 फरवरी को होगा और इसी के साथ साफ हो जाएगा कि दिल्ली में किसकी सरकार होगी । क्या अरविंद केजरीवाल की वापसी होगी या भाजपा का इंतजार खत्म होगा, कांग्रेस का प्रदर्शन पूर्व जैसा होगा या 0 पर सिमट जाएगा। 11 फरवरी को ही साफ होगा कि दिल्ली के दिल में क्या है और किसने दिल्ली का दिल जीता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के साथ ही एग्जिट पोल सामने आ गए। जिनका विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि इस बार पुनः आम आदमी पार्टी की सरकार बन रही है । यदि ऐसा हुआ तो भाजपा को राज्यो में खिसकते अपने जनाधार को रोकने के लिए नई रणनीति पर काम करना ही होगा । 


एबीपी-सी वोटर


कुल 70 सीटें 
आप - 49-63 सीटें
भाजपा- 5-19 सीटें
कांग्रेस- 0-4 



आज तक-Axis My India


कुल 70 सीटें 
आप - 59-68 सीटें
भाजपा- 2-11 सीटें
कांग्रेस- 0 



इंडिया टीवी


आप- 44 सीटें
भाजपा-26 सीटें
कांग्रेस- 0  


इंडिया टीवी


आप- 44 सीटें
भाजपा-26 सीटें
कांग्रेस- 0  


रिपब्लिक टीवी-जन की बात


आप- 48-61 सीटें
भाजपा-09-21 सीटें
कांग्रेस- 0-1 



टीवी 9-भारतवर्ष-Cicero


आप- 54 सीटें
भाजपा-15 सीटें
कांग्रेस- 01 


टाइम्स नाउ-Ipsos


आप- 44 सीटें
भाजपा- 26 सीटें
कांग्रेस- 0


न्यूज एक्स-नेता


आप - 53-57 सीटें
भाजपा- 11-17 सीटें 
कांग्रेस- 0-2 सीटें



सभी के एक्जिट पोल को देखने के बाद यदि औसत निकाला जाए तो 
अभी तक के एग्जिट पोल्स के अनुसार, आप को पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 17 सीटों का नुकसान हो रहा है। उसको 50 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं बीजेपी को 16 सीटों को फायदा होता नजर आ रहा है। एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को 19 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वे में कांग्रेस को एक सीट का फायदा होने का अनुमान है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। 



आम आदमी पार्टी का ग्राफ तेजी से नीचे आता जा रहा है :- 


दिल्ली विधानसभा चुनाव में साल 2015 के चुनाव में दिल्ली में 67.12 फीसदी वोट दर्ज किए गए। वहीं, 2013 के चुनाव में वोट फिसदी 65.63 रहा। 2008 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में 57.58 फीसदी लोगों ने वोट किया था। 2003 में 53.42 फीसदी ने। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में एक तरफा जीत हासिल की थी और 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी को 3 और 15 साल दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस को हिस्से शून्य सीटें आई थीं। आप को तब 54% वोट मिले थे, जो 2017 के नगरपालिका चुनाव में 26% और फिर लोकसभा चुनाव में गिरकर 18% पर आ गए और आम आदमी पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी। 2015 से अबतक भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने वोट प्रतिशत में बढ़त हासिल की है। परन्तु 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोटिंग का कम होना भी चिंता का सबब है ।
दिल्ली विधान सभा चुनाव:-दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार को वोटिंग हुई, दिल्ली विधानसभा चुनावों में 57.06 प्रतिशत वोटिंग हुई।