★पहली बार ओवैसी ने समझदारी की बात कही
★पिता ने किया देशद्रोही बेटी का बहिष्कार।
गुरुवार को अमूल्या को बेंगलुरु में असदुद्दीन ओवैसी के मंच पर बोलने के लिए बुलाया गया था । इसी दौरान 19 वर्षीय देशद्रोही अमूल्या ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाया जिसके बाद उसे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। यह बालिका माइंड वाश करी हुई प्रतीत हो रही है, इसकी जड़ो को खोजना बहुत जरूरी है । यह तो मोहरा है, असली मकसद इसके माइंड में ऐसी मानसिकता डालने वाले लोगो तक पहुंचना होना चाहिए । जैसा कि इसके पिता का आज का बयान है कि मेरी लड़कीं देशद्रोही मुस्लिमों के लगातार संपर्क में थी । इस बयान का गहरा अर्थ है । नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में आयोजित ए. आई.एम. आई.एम.(AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की रैली में मंच पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वाली अमूल्या मूल तौर पर चिकमंगलुरु के कोप्पा की रहने वाली है। लेकिन इस दौरान मंच पर ओवैसी ने उसे रोकने का प्रयास किया ।मंच पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते ही ओवैसी समेत मंच पर मौजूद सभी लोग उससे माइक वापस लेने के लिए आगे बढ़े। महिला इसके बाद भी मंच से नारेबाजी करती रही। बाद में पुलिस की मदद से उसे नीचे उतारा गया। पुलिस ने महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है । ओवैसी के बयान पर पहली बार अच्छा लगा कि उन्होंने कहा कि "भारत जिंदाबाद था और रहेगा" ओवैसी से कभी व्यक्तिगत तौर पर मुझे यह उम्मीद नही थी, कि वो भारत विरोधी लोगो को करारा जवाब देंगे । वहीं,ओवैसी ने कहा कि वह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों का समर्थन नहीं करते। ओवैसी ने कहा कि आयोजकों को इस महिला को नहीं बुलाना चाहिए था। यदि मुझे यह बात पता होती, तो मैं इस रैली में शामिल होने नहीं आता। हम लोग भारत के लिए हैं और किसी भी तरह दुश्मन देश पाकिस्तान का समर्थन नहीं करते। हमारी पूरी मुहिम भारत को बचाने के लिए है। देश विरोधी नारेबाजी के बाद एक तरफ जहां हंगामा मचा हुआ है, वहीं अमूल्या के पिता को इन सबसे कोई हैरानी नहीं है। अमूल्या के पिता ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अमूल्या के बारे में कई ऐसी बातें बताई जो चौंकाने वाली हैं।
अमूल्या का पूरा नाम अमूल्या लियोना नोरोन्हा है। गुरुवार को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाने वाली अमूल्या के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने अमूल्या को जमानत देने से इंकार करते हुए, उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।।
देश द्रोह के आरोप में गिरफ्तार अमूल्या के पिता ने भी इस मामले से खुद को किनारा कर लिया। उन्होंने अमूल्या की गिरफ्तारी पर कोई हैरानी या दुख नहीं जताया। उन्होंने कहा कि अमूल्या कुछ मुस्लिमों के संपर्क में है और इसके लिए उन्होंने उसे पहले ही सतर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन वह उनकी नहीं सुनती। पिता ने कहा, ‘अमूल्या को फोन कर बुलाया था, क्योंकि मेरी तबियत ठीक नहीं थी। लेकिन उसने कहा कि वह नहीं आ सकती और मैं खुद अपना ख्याल रखूं।’ जरा गौर कीजिए जो बालिका अपने पिता की नही हो सकती वो देश की क्या होगी । इसके पीछे विभाजनकारी शक्तियों का हाथ लग रहा है, देश मे युवाओं के अंदर ऐसी घिनोनी मानसिकता कहाँ से आ रही है ? यह जिन्ना वाली आजादी के बोल जहां से भी आ रहे है, उन जड़ो में मट्ठा डालकर उन्हें सामूल खत्म करने का समय आ गया है । देश विरोधी नारे लगाने पर उसी वक्त हाथों हाथ इंसाफ होना चाहिए, देश विरोधी नारे के वीडियो सबूत होने पर 24 घण्टे के अंदर ऐसे देशद्रोही को गोली मार देना चाहिए, फिर वो कोई भी हो क्योकि देश विरोधी का इस देश मे जीने का कोई अधिकार नही होना चाहिए । सरकार को इस पर सख्त कानून बनाना ही चाहिए ।
(लेख के अंदर लिए गए बयान का सन्दर्भ न्यूज एजेंसी एएनआई है )