उज्जैन के गौरवशाली इतिहास के साक्षी व अतीत के प्रेरणा स्त्रोत है स्व. श्री प्रेमनारायण यादव


उज्जैन । महान व्यक्तित्व के धनी जिन्हें हम विकास पुरूष के नाम से परिभाषित कर सकते हैं ऐसे स्व. श्री प्रेमनारायण यादव की 21 वी पुण्यतिथि पर उनका पुण्य स्मरण कर सहज ही एक ऐसे जन नेता - जन नायक की छवि पुन: प्रत्यक्ष हो जाती है जिन्होंने अपने जीवन काल में जनहित में विकास कार्यों के कई महत्वपूर्ण आयाम व मिसाले कायम कर इस शहर को कोई अत्यन्त ही सराहनीय व लोक कल्याणकारी सौगात प्रदान की है जिनका लाभ यहाँ का जनमानस प्राप्त कर रहा है जनहितकारी कार्यों को अत्यन्त ही सराहनीय तरीके से अंजाम देने वाले व जनकल्याण हेतु हमेशा विशेष रूप से संघर्षित रहने वाले स्व. श्री प्रेमनारायण यादव उज्जैन का गौरव बढ़ाने वाले बिरलों में गिने जाते हैं व हमारे अतीत के प्रेरणा स्त्रोत है । उज्जैन नगर निगम सभापति (उप महापौर) रहते हुए स्व. श्री यादव ने जनहितकारी विकास कार्यों को जिस बुखबी व बहुसंख्या में करवाया व इसी प्रकार कई नीव रखी । उन्हें सर्वत्र आत्मीय सराहना के साथ याद किया जाता है । अपने सम्पूर्ण जीवन में जनहित में हमेशा संघर्षशील रहने वाले स्व. श्री प्रेमनारायण यादव का जन्म 29-9-1953 को स्व. श्री भागीरथ जी यादव के पुत्र के रूप में हुआ । छात्र जीवन से ही राजनीति में रूचि रखने वाले स्व. श्री यादव अपने समय के अव्वल छात्र रहे हैं । स्वूसली शिक्षा बखूबी पूरी करने के बाद सन 1978 में बीए और पश्चात सन 1984 में एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण की । इसी दौरान आप छात्र राजनीति में सक्रीय रहे व सांदीपनी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष बने । कांग्रेस में पूर्ण निष्ठा व समर्पण रखकर कार्य करने वाले युवा जन नेता के रूप में उभर कर सामने आने पर उस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने स्व. श्री यादव की प्रतिभा को सराहा व माना कि एक प्रतिभशाली, संघर्षशील जुझारू व दबंग युवा नेता कांग्रेस को मिला है । जनहित व जनसेवा को दृष्टिगत रखते हुए लगातार उत्तरोत्तर विकास का संकल्प लिये प्रगति के साथ श्री यादव का विकास क्रम जारी रहा ।


सन 1995 में श्री यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नगर निगम पार्षद का चुनाव जीता व पश्चात उप महापौर बने । इसी वर्ष सन 1995 में म.प्र. उप महापौर संघ का पहला प्रादेशिक सम्मेलन भोपाल में आयोजित हुआ जिसमें तत्कालिक अविभाजित म.प्र. की विभिन्न नगर निगमों के उप महापौर, पदाधिकारियों ने भाग लिया । इस सम्मेलन में श्री प्रेमनारायण यादव सर्वनुमति से म.प्र. उप महापौर संघ के अध्यक्ष चुने गये । इसी दौरान श्री यादव के प्रयासों से नगर निगमों में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को अधिकार सम्पन्न बनाया गया । वर्ष 1995 तक न.पा.नि. अधिनियम में महापौर, उप महापौर व पार्षदों को बहुत सीमित अधिकार प्राप्त थे । इस दिशा में सक्रिय रूप से अगुवाई करते हुए श्री यादव ने तत्काल समिति गठित कर श्री यादव द्वारा प्रस्तुत सुझावों को मान्य करते हुए न.पा.नि. अधिनियम में संशोधन कर नगर निगम के जनप्रतिनिधियों को पहली बार अधिकार सम्पन्न बनाया । स्थाई समिति की जगह मेयर इन कौंसिल का प्रावधान किया गया जिसे गठित करने का अधिकार महापौर को दिया गया । इस प्रकार महापौर, सभापति व पार्षदों को कई महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान किये जिसमें वित्तिय व प्रशासनिक अधिकार प्रमुख रहे । उक्त उल्लेखनीय प्रयासों की अगुवाई करने वाले श्री यादव पार्षद, उप महापौर व सभापति तीनों ही पदों पर अपने कार्यकाल के दौरान बखूबी कार्य करने वाले एक मात्र जननेता है । अपने उक्त महत्वपूर्ण कार्यकाल के दौरान जो सन 1995 से 99 तक रहा में श्री यादव ने जनहित में असंख्य कार्यों को बखूबी अंजाम दिया । विदभुत शवदाह ग्रह को नि:शुल्क किये जाने की पहल भी आपकी ही रही है साथ ही आपने शव वाहन का नाम मुक्ति वाहन रखवाया । चक्रतीर्थ पर भक्ति संगीत की व्यवस्था करवाई जिसमें वहां वृक्षों पर स्पीकर लगवाये गये । जिला अस्पताल में रोगियों के परिजनों को भोजन व्यवस्था हेतु तत्कालीक कलेक्टर श्री सी.पी. अरोरा की पहल पर समिति गठन में आपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । परिणाम स्वरूप इस समिति द्वारा रोगियों के परिजनों को वर्तमान में भी प्रतिदिन भोजन व्यवस्था की जा रही है । श्री महाकाल मंदिर के पास विश्वात्मानंद चेरिटेबल ट्रस्ट को श्री यादव की पहल पर ही आदेशित होकर नि:शुल्क अन्न क्षेत्र हेतु 10,000 वर्ग फीट भूमि देने का निर्णय किया गया था । सन 1999 में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री सुभाष यादव की प्रेरणा से उज्जैन में 90 दिन रिकार्ड समय में आनंदेश्वरी बैंक की स्थापना की गई जिसके प्रथम अध्यक्ष श्री प्रेमनारायण यादव बने । श्री यादव के नेतृत्व में इन बैंकों ने उत्तरोत्तर प्रगती की आज इस बैंक की करोड़ों रूपए की कार्यशील पूंजी है तथा बैंक सफलता पूर्वक संचालित है । सहकारिता के क्षेत्र में श्री यादव की छवि एक सफल व कद्वावर नेता के रूप में रही है । आप लम्बे समय तक नागरिक सहकारी पेढ़ी के अध्यक्ष भी रहे हैं साथ ही अपेक्स बैंक, राज्य सहकारी संघ, जिला सहकारी संघ बैंक के प्रतिनिधि रहे हैं । आपकी लोकप्रियता के बुत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं जिनमें प्रमुख रूप से स्व. श्री माधवराव सिंधिया व विंधाचरण शुक्ल की पहल पर आपको प्रदेश कांग्रेस कमेटी में महासचिव बनाया गया था । आप शाजापुर, देवास आदि जिलों को नगर निगम चुनाव में म.प्र. कांग्रेस की ओर से प्रभारी का महत्वपूर्ण दायित्व निभा चुके हैं । श्री यादव भारत, जर्मन मैत्रीय संघ के सचिव भी रहे हैं । विश्व शांति के संदेश को प्रसारित करने हेतु आपने कई देशों की यात्राएं की है ।  म.प्र. यादव महासभा के निर्विरोध अध्यक्ष भी चुने गए थे । श्री यादव इस दौरान आपने अगुवाई व पहल करते हुए भोपाल में अखिल भारतीय यादव समाज का सम्मेलन आयोजित किया था । श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर यादव समाज द्वारा चल समारोह निकाले जाने की शुरूआत उज्जैन में श्री यादव की पहल पर ही हुई इसके पश्चात ये चल समारोह पूरे प्रदेश में निकाले जाने लगे । उल्लेखनीय है कि स्व. श्री यादव ने अपने जीवन काल में कई सराहनीय व महत्वपूर्ण कार्यों को बखूबी अंजाम दिया है । सामाजिक राजनैतिक, सांस्कृतिक धार्मिक क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों को याद कर सराहा जाता है ।


स्व. माधवराव सिंधिया के रेल मंत्री कार्यकाल के दौरान श्री यादव ने रेल सुविधाओं हेतु कई पहल स्व. श्री सिंधिया के समक्ष रखी व स्व. श्री सिंधिया ने श्री यादव की पहल पर को स्वीकारते हुए यहां के लिए कई महत्वपूर्ण सौगाते प्रदान की । इसी प्रकार तत्कालीन उपमुख्यमंत्री श्री सुभाष यादव के नेतृत्व में उज्जैन में प्रथम बार खुला मंच का अभिनव आयोजन किया गया जिसकी सराहनीय पहल भी श्री यादव ने ही की थी । विजयादशमी महोत्सव की शुरूआत सन 1981 से क्षिप्रा तट पर श्री यादव द्वारा की गई थी । जिसका क्रम वर्तमान तक निरंतर जारी है । श्री महाकाल मंदिर के प्रांगण में प्रथम जिर्णोद्वार का कार्य तत्कालीन कलेक्टर श्री मिश्रा की पहल पर प्रारम्भ हुआ था जिसमें प्रथम दानदाता के रूप में श्री यादव ने अपनी अनुपस्थिति दर्ज कराई व दानदाताओं को आगे आने हेतु प्रोत्साहित किया परिणाम स्वरूप उक्त महत्वपूर्ण कार्य जन सहयोग से शुरू व सम्पन्न हुए । इसी प्रकार देवासगेट बस स्टेण्ड बनाने हेतु भी प्रथम आंदोलन श्री यादव के कुशल नैतृत्व में ही हुआ था । शहर में में साम्प्रदायिक सद्भावना व शांति की मिसाल के रूप में भी श्री यादव को जाना जाता है । आपने सम्पूर्ण जीवन काल में साम्प्रदायिक सद्भाव व शांति हेतु कई सराहनीय कार्य किये हैं जो कि 1992 के दंगों के दौरान प्रमुख रूप से जनमानस ने देखे व सराहे हैं । इसके पश्चात् भी आप हमेशा साम्प्रदायिक सद्भावना का माहौल बना रहे ऐसे प्रयासों में जुटे नजर आए । आपके प्रयासों से काफी सफलता प्राप्त हुई अत: आपको साम्प्रदायिक सद्भावना की मिसाल के रूप में देखा जाता था ।


उल्लेखनीय  है कि स्व. श्री प्रेमनारायण जी यादव ने अपने जीवन काल में जनहित को सर्वोपरि रखकर ही अपनी जीवन यात्रा की है । इस दौरान आप उक्त महत्वपूर्ण दायित्वों व पदों का बखूबी निर्वाह करने वाले एक ऐसे जन नेता के रूप में सामने आये कि भुलाये नहीं जा सकते हैं । आपने अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक विधान द्वारा नियुक्त जन नेता के रूप में सम्पूर्ण समाज को अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की । आप दिनांक 9-1-1999 को हमारे बीच से देवलोक को चले गए आपकी अंतिम यात्रा में एतिहासिक लोगों का जमावड़ा था ऐसा लग रहा था कि उज्जैन शहर के किसी राजा की अंतिम यात्रा हो। ऐसी भीड़ राजाभाऊ महाकाल की अंतिम यात्रा में ही देखी गई थी । आपके चले जाने से शहर ने एक जन नेता जो कि हमेशा गरीबों व असहाय लोगों के हित में व उन्हें न्याय दिलाने के प्रति लड़ता रहा । ऐसे नेता का अकस्मात चले जाना उज्जैन शहर के लोगों के लिए एक दु:खद स्वप्न की तरह रहा । आपकी प्रेरणाएं हम सभी के साथ है । आप हमारे अतीत के प्रेरणा स्त्रोत हैं । स्व. श्री प्रेमनारायण जी यादव को हमारी और से सादर श्रद्धांजलि नमन ।