निर्भया केस का सबसे घिनोना बलात्कारी 2015 में ही आजाद होकर घूम रहा है


न्याय में देरी होना भी अन्याय है और 8 साल बाद भी बलात्कारी फैसले को टालने की जुगत में


वर्तमान केंद्र सरकार से उम्मीद थी कि वो जल्द से जल्द ऐसा कानून बनाएगी जो बलात्कार जैसे संगीन अपराध में तो जल्द आरोपी को फांसी दे सकें । कुछ न जल्दी कर सको तो कम से कम राष्ट्रपति के पास बलात्कार के केस की दया याचिका भेजने का अधिकार ही समाप्त कर दो । जैसे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति रात में भी काम कर रहे थे आपातकाल लागू करने वाली रात भी राष्ट्रपति रात को काम कर रहे थे तो क्या बलात्कारी की दया याचिका आते ही खारिज नही कर सकते रातभर जागकर ?


हम छोटे शहरों के उन वकीलों को नमन करते है जो बलात्कारियों के केस नही लड़ते ओर गुनाह करने वाले को जब कोर्ट लाया जाता है तो उसे सबक सिखाने को आतुर रहते है ।


निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में दरिंदगी से गैंगरेप हुआ था. गैंगरेप के बाद दोषियों ने निर्भया का वीभत्स तरीके से कत्ल कर दिया था.


आखिरकार निर्भया के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी हुआ । अब चारों दोषियों को 22 जनवरी को होगी फांसी लेकिन सभी समाचार पत्र में उल्लेख है कि अब भी उन बलात्कारियों के पास फांसी टालने के रास्ते बचे हुए है । अफसोस होता है 8 साल बाद भी न्याय अधूरा है ।


निर्भया के केस में वारदात के 2578 दिन बाद डेथ वॉरंट जारी हुआ है। आज भी बलात्कारी बेशर्मी से कह रहे है हम पीटीशन दाखिल करेंगे ।


दोषियों के पास 14 दिन का वक्त और 4 तरह की मोहलत



  1. जेल मैनुअल के मुताबिक, दोषी डेथ वॉरंट के खिलाफ 14 दिन में हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं, नहीं तो दोषियों को तय तारीख पर फांसी दे दी जाएगी।

  2. हाईकोर्ट भी डेथ वॉरंट बरकरार रखे, तो दोषी सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।

  3. दोषी मई 2017 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ भी क्यूरेटिव पिटीशन लगा सकते हैं, जिसमें फांसी की सजा बरकरार रखी गई थी। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा भी है कि हम एक-दो दिन में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे। 5 जजों की बेंच इस पर सुनवाई करेगी।

  4. दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी लगा सकते हैं।


अर्थात अभी भी सालों लग सकते है साहब ?


निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे. एपी सिंह ने कोर्ट के आदेश के बाद कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे.


अब जरा इनके बयान को पढि़ए यह दोषियों पर दया दिखा रही है । अरे मेडम साहिबा बड़ी मुश्किल से फांसी तक मामला पहुंचा है अब आप क्यो अड़ंगे लगाने की सोच रख रही हो इसी लिए न क्योकि आपकीं परिवार की बेटी के साथ ऐसा न हुआ ?


एमिकस क्यूरी वृंदा ग्रोवर : हमें कुछ वक्त चाहिए। मैं जेल में मुकेश और विनय से मिली थी। मुझे कोर्ट ने दोषियों के वकील की मदद के लिए नियुक्त किया है। मुझे दोषियों के बचाव का पूरा मौका मिलना चाहिए। अगर कोर्ट ऐसा नहीं करती है तो मुझे केस से डिस्चार्ज कर दिया जाए।


सबसे घिनोना अपराधी नाबालिक (17 वर्ष 6 माह )होने के कारण 2015 में ही आजाद हो गया , यही अकेला दोषी है, जिसका चेहरा और यहां तक कि नाम भी दुनिया नहीं जानती है-


नाबालिग आरोपी को जुवेलाइल जस्टिस के तहत सजा हुई. बाल सुधार गृह में 3 साल बिताने के बाद 20 दिसंबर 2015 को उसे रिहाई मिल गई.


छहों दोषियों के बयान के बाद ये माना जाता रहा है कि इसी नाबालिग ने निर्भया और उसके दोस्त को आवाज देकर अपनी बस में बुलाया था, जबकि वो एक स्कूल बस थी, न कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट. निर्भया के बैठने के बाद उसी ने छेड़छाड़ शुरू की और अपने साथियों को रेप के लिए उकसाया. यही वो दोषी था, जिसने निर्भया के शरीर में लोहे की रॉड घुसाई, जिससे फैला इंफेक्शन 26 साल की छात्रा की मौत की वजह बना. आज भी सरकारे उसका ध्यान रखती है ।