★ 1 फरवरी को सुबह 6 बजे होगी फांसी नया डेथ वारंट जारी हुआ ।
★फांसी के लाइव प्रसारण की मांग उठी ।
★राष्ट्रपति ने निर्भया केस के दोषी मुकेश की 48 घण्टे में खारिज की दया याचिका
★निर्भया के दोषी विनय ने शौचालय के अंदर फांसी लगाने का किया प्रयास
★"बहुत हुआ नारी पर वार अबकी बार मोदी सरकार" के नारे की प्रधानमंत्री को याद दिलाई निर्भया की माँ ने
★फांसी को टालने के लिए एक साथ दया याचिका नही लगा रहे दोषी ।
मौत सामने देखकर अच्छे अच्छे की हवा टाइट हो जाती है । निर्भया के दोषियों में से एक ने तो पहले ही आत्महत्या कर ली थी । आज दूसरे ने भी आत्महत्या का प्रयास किया । जैसे जैसे मौत सामने आ रही है वैसे वैसे दोषियों में भय बढ़ता जा रहा है । कानूनी हतकण्डे भी एक एक करके फेल हो रहे है । थोड़े दिन तक फांसी टालने में कामयाब होने के बाद अब दोषियों को लगने लगा है कि मौत अब उनसे दूर नही है । निर्भया के 4 दोषियों में से 2 की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी, इसके बाद एक दोषी ने दया याचिका लगाई थी । यह बारी बारी से एक के बाद एक दया याचिका लगाते फिर रहें है । दया की भीख मांग रहे है लेकिन इनके पाप की सजा मौत से भी बदत्तर होनी चाहिए । जानकार कहते है कि दिल्ली प्रिजन मैनुअल के 837वें पॉइंट के मुताबिक, अगर एक ही मामले में एक से ज्यादा दोषियों को फांसी की सजा मिली है और इनमें से एक भी अपील करता है तो इस स्थिति में सभी दोषियों की फांसी पर तब तक रोक लगी रहेगी, जब तक अपील पर फैसला नहीं हो जाता। इसी पाइंट का दुरुप्रयोग करके दोषी सजा से बचने के लिए कानूनी हथकंडे का उपयोग कर रहे है ।
हमारी न्याय व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश बहुत अधिक है । सरकार को चाहिए कि बलात्कार जैसे घिनोने कृत्यों में दया याचिका के समस्त प्रावधान हटा देने चाहिए ।
वही दूसरी ओर देशभर में फांसी के लाइव प्रसारण की मांग ने जोर पकड़ लिया है । पूरा देश निर्भया के दोषियों को फांसी से लटकता देखना चाहता है । ऐसे घिनोने अपराधियों की मौत से बदत्तर सजा देने की मांग भी आम जनता द्वारा की जा रही है ।
निर्भया की माँ ने की मोदी से अपील :-
"मेरी बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए
जो लोग 2012 के बाद तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, वे ही आज इस पर राजनीति कर रहे हैं। घटना के बाद लोगों ने काली पट्टी बांधी, नारे लगाए ,लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आज फांसी को रोका जा रहा है और राजनीति का खेल खेला जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कहा था कि बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार। मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह आपने तीन तलाक हटाया, इस कानून में भी संशोधन कीजिए। एक बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए। उन चारों मुजरिमों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाइए।’’
मामले पर राजनीति करने से पीछे नही हट रहे बेशर्म राजनेता -: किसी भी पार्टी का नेता हो उसे इस मामले में राजनीति नही करना चाहिए लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस केस में एक दूसरे पर आरोप लगाने का दौर जारी है । हर कोई दूसरे दल पर आरोप लगा रहा है । अपनी रोटी सेकने में लगा हुआ है । लानत है ऐसे नेताओं पर जो इन मामलों में भी राजनीति करने से बाज नही आते है ।
ट्वीट जो बन रहे है आम लोगो की आवाज -:
एनपी पाठक लिखते है
कितने क़ानूनन चालाक हैं, निर्भया कांड के दोषी!!
दोषी विनय अपने ऊपर मुकदमा दर्ज कराने के लिए सुसाइड कर रहा था, क्योंकि किसी भी दोषी को फांसी देने से पहले कई बातों का ख्याल रखा जाता है. जैसे वो एकदम स्वस्थ होना चाहिए. उस पर किसी भी तरह का कोई केस बाकी
जेम्स नामक ट्विटर यूजर लिखते है -:
यह जो तुम #निर्भया केस में,
अभी भी मर्सी #पीटीसन पर,
सुनवाई करने में
लगे हो ना बस......
इसीलिए #हैदराबाद में लोगों ने
पुलिस पर #फूल बरसा दिए थे....
#निर्भया_केस
#Nirbhaya
प्रज्बल प्रलहोरे ट्विटर पर लिखते है
निर्भया मामले में दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी, अब 1 फरवरी को सुबह 6 बजे होगी फांसी
मजाक बनाके रख दिया है..
तारीख पे तारीख दे रहे...
अरे कोई इस केस को यूपी पुलिस या हैदराबाद पुलिस को सौप दो..रिजल्ट ऑन द स्पॉट होगा....
#NirbhayaCase
(लेखक और संकलन मिलिन्द्र त्रिपाठी )