26 जनवरी भारत में गणतंत्र दिवस का उल्लास दीपावली से अधिक होता है, 21वीं सदी की ओर 71 वा कदम बढ़ता भारत विश्व को यह सूचना दे रहा है कि चारों दिशाओं में तीनो लोक में भारत ने टेक्नोलोजी विज्ञान के क्षेत्र में अपना परचम लहरा दिया है, उसे विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता देश में कूटनीति के द्वारा पूरे विश्व को आतंक को एक जाजम पर बिठा कर यह साबित किया कि वह मानवीय सवेंदनाओं की बुनियाद वाला शांतिप्रिय देश है किंतु इसका यह तात्पर्य कदापि नहीं कि उसे कमजोर समझा जाए क्योंकि पाकिस्तान पर की गई सख्त सर्जिकल स्ट्राइक चीन के पीछे हटते कदम हमारे साहस और वीरता की कहानी सदियों तक याद रखेंगे। ब्रह्मांड में छोड़े गए मंगलयान टेक्नोलॉजी के लिए स्पेस में छोड़े गए यान पूरे विश्व को हमारे वैज्ञानिकों की बुद्धिमानी का लोहा मानने पर मजबूर कर रहे हैं जिस संकल्प के साथ देश ने अपने ऐतिहासिक बुनियादी ढांचे में परिवर्तन कर देश के संविधान की कई धाराओं को अनुच्छेदों को पूर्ण रूप दिया गया जिसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई, सांसे थमी हुई थी कि इन गतिविधियों का अंजाम क्या होगा? किंतु देश की जनता ने न धर्म संसद बल्कि देश की संसद के साथ शांति से खड़े होकर मानवीय मूल्यों की स्थापना की समूचा विश्व आज भी हतप्रभ थी है कि इतना धैर्य भारत की जनता में कैस? उसके पीछे हमारे वैदिक काल की बुनियाद है जिसने भारत को ध्यान दिया अध्यात्म दिया। देश के युवा पूरी दुनिया में विज्ञान के क्षेत्र में अपना वर्चस्व जमा चुके है।ं उनकी बुद्धि का लोहा अन्तत: अमेरिका भी मान चुका है। 2020 के अंत में दुनिया के नक्शे में भारत के नाम पर कई उपलब्धियां अंकित की जानी शेष है भयानक अर्थव्यवस्था के मंदी के दौर में दुनिया के अर्थशास्त्री कह रहे है कि भारत की अर्थव्यवस्था सबसे पहले सुधरेगी, चारों दिशाओं तीनो लोक और चारों वेद के मार्गदर्शन में भारत का परचम विश्व गुरु के रूप में लहराने जा जारा है ।
जय हिंद....