उज्जैन । विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में जहां एक और भक्तों की भीड़ का तांता लगा रहता है वहीं दूसरी ओर मंदिर प्रशासन द्वारा नित्य नए कार्यों के लिए मंदिर को प्रयोगशाला बना रखा है । मध्य प्रदेश शासन के 300 करोड रुपए का हिसाब-किताब अभी से मंदिर कर्मचारी समिति सदस्य प्रशासन अपने अपने परसेंट निर्धारित करने में लगे हैं मंदिर में व्यवस्था के नाम पर जोर-जोर से ढोल बजाकर स्वयं की वाह-वाही की जा रही है महाकाल मंदिर में मंदिर प्रबंध समिति दर्शन करने वाले भक्तों से खुद पाप कराने का ठेका ले चुकी है एक ओर जहां भगवान शिव का निर्माल्य मंदिर के प्रवेश द्वार पर भक्तों से उलंगवाया जा रहा है वहीं दूसरी और मंदिर में कई जगह भक्त शिवलिंग को भी उलांग रहे हैं हिंदू धर्म ग्रंथ कहते हैं कि शिव निर्माल्य व शिवलिंग को उलंगने से पाप पड़ता है और आदमी के संपूर्ण धर्म-पुण्य नष्ट हो जाते हैं यदि यह सत्य है तो मंदिर में यह पाप रोज मंदिर समिति व बड़े-बड़े मंदिर के मठाधीश पंडे-पुजारियों के समक्ष रोज हो रहा है और सब रहस्य में चुप्पी साधे हैं आखिर क्यों अनजाने में उस भक्तों को उस पाप का भागी बनाया जा रहा है जिसके बारे में वह जानता ही नहीं क्या यह मंदिर समिति के शासकों और पंडे पुजारियों की जिम्मेदारी नहीं है और यदि है तो फिर क्यों जानबूझकर यह पाप कर्म मंदिर में चल रहा है
नागचंद्रेश्वर मंदिर के नीचे शिवलिंग पर से निकल रही जनता
वर्ष में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए भद्रकाली मंदिर के निकट लोहे की सीढिय़ां लगाई हुई थी बाद में मंदिर प्रबंध समिति आरके लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के मार्गदर्शन में मंदिर के ढांचे पर वजन कम करने के उद्देश्य से 1 माह पूर्व इन सीढिय़ों को पूर्ण रूप से हटा दिया गया इन सीढिय़ों के नीचे ही वर्षों से भगवान शिव के तीन लिंग विद्यमान है सीढ़ी के नीचे होने के कारण लोग इसके पास नहीं आ पाते थे सीडी हटाने से लोग इस जगह का ध्यान नहीं रख पाते और यह शिवलिंग भी जमीन से नीचे होने के कारण दर्शनार्थियों द्वारा दिन भर उल्लंघन किया जाता है इसके सामने ही टीन के शेड के नीचे जमीन में 1 फीट अंदर दो शिवलिंग पुरातन काल की ओर विद्यमान हैं वहां भी यही स्थिति है ज्ञात हो कि इस रास्ते से बड़ी संख्या में निर्गम यात्री निकलते हैं जो अनायास ही इस पाप के सहयोगी बन जाते हैं मंदिर प्रशासन और प्रबंधन समिति को चाहिए कि वह इन शिव लिंगों की उचित व्यवस्था करें या वहीं पास में विद्यमान ओटले पर इनको स्थापित करें ताकि आम जनता इस पाप से बच सकें मंदिर समिति नोट कमाने की चीजों पर तो ध्यान देती है पर इन पाप वर्धन करने वाली समस्या पर ध्यान नहीं दे रही मंदिर समिति को चाहिए कि इन तीनों शिवलिंग की व्यवस्था करें साथ में वहां विद्यमान अतिक्रमण को भी कम करें।